शिमला, 2 अगस्त (हप्र)
केंद्र सरकार की आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 669 मेगावाट लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना के लिए 4.99 रुपए प्रति यूनिट के लेवलाईज्ड टैरिफ पर 5792.36 करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी प्रदान की है।
समिति ने एलएएचईपी के क्रियान्वयन के लिए नेपाल में स्थापित एसजेवीएन की पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी स्पेशल पर्पज व्हीकल एसजेवीएन लोअर अरुण पावर डेवलपमेंट के लिए कार्योत्तर अनुमोदन भी प्रदान किया है। इसके अतिरिक्त, समिति ने एसएलपीडीसी में 1737.70 करोड़ रुपए के इक्विटी निवेश को भी मंजूरी प्रदान की है। 167.25 मेगावाट की चार इकाइयों वाली 669 मेगावाट की लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना, नेपाल के प्रांत-1 के संखुवासभा जिले में अरुण नदी पर 900 मेगावाट की अरुण-3 जलविद्युत परियोजना के डाउनस्ट्रीम में अवस्थित है। टेलरेस विकास के रुप में अरुण 3 एचईपी में कोई जलाशय या बांध नहीं होगा और यह अरुण-3 एचईपी के साथ मिलकर एक टेंडम प्रचालन प्रणाली के रूप में कार्य करेगी। यह परियोजना सालाना 2900 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन करने के लिए डिज़ाइन की गई है।
एसजेवीएन ने अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से परियोजना को हासिल किया है और इस परियोजना को भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के सहयोग से बिल्ड-ओन-ऑपरेट एंड ट्रांसफर (बूट) आधार पर क्रियान्वित किया जा रहा है। लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना 60 माह की अवधि के भीतर कमीशन की जाएगी। बिहार के सीतामढ़ी तक निर्माणाधीन 217 किलोमीटर 400 केवी डबल सर्किट ट्रांसमिशन लाइन के माध्यम से उत्पादित विद्युत की निकासी की जाएगी। एसजेवीएन नेपाल के सामाजिक-आर्थिक विकास में एक प्रमुख भागीदार और निवेशक है। मेगा जलविद्युत परियोजनाओं का क्रियान्वयन दोनों देशों के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी प्रयास है, क्योंकि इससे भारत तथा नेपाल की आर्थिक वृद्धि होगी। इस परियोजना से उत्पादित विद्युत का नेपाल तथा भारतीय ग्रिड में पूर्ण उपयोग किया जाएगा और ग्रिड को स्थिरता प्रदान करने में सहायता मिलेगी।