फतेहाबाद, 2 अगस्त (हप्र)
शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने कहा है कि स्कूलों का असली लक्ष्य बच्चों को किताबी शिक्षा देना नहीं बल्कि उन्हें संस्कारवान और नैतिकता में मजबूत करना भी है। बच्चों में राष्ट्र के प्रति सम्मान की भावना पैदा करना स्कूलों का लक्ष्य है। सीमा त्रिखा शुक्रवार को भूना रोड स्थित 5 एकड़ रिसोर्ट में जिला स्तरीय विद्यालय प्रबंधन समिति प्रशिक्षण सह-सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। सीमा त्रिखा ने बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों, विद्यालय प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों व अध्यापकों को सम्मानित किया। शिक्षा मंत्री ने एसएमसी प्रधानों से सीधा संवाद किया और उनके सुझाव भी आमंत्रित किए। उन्होंने सभी एसएमसी को आह्वान किया कि वे प्रत्येक माह बैठक जरूर करें। जो एसएमसी ज्यादा ताकतवर व सक्रिय होगी, उस स्कूल को आगे ले जाने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन समिति का मुख्य उद्देश्य स्कूलों की निगरानी के साथ अध्यापकों का सहयोग करना भी है। इसलिए सीएमसी प्राचार्य व मुख्याध्यापक के साथ एक मजबूत तालमेल बनाकर अपने स्कूल की उन्नति के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि बच्चों के पालन पोषण में माता-पिता और अध्यापकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। तीनों का सही सामंजस्य बैठेगा तो बच्चे को निश्चित रूप से तरक्की मिलेगी।
‘कोरोना काल के बाद बढ़ी बच्चों की संख्या’
शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने कहा कि कोरोना काल के बाद सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है और इस समय 25 लाख बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि साढ़े 9 वर्ष तक तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्कूलों के लिए बेहतरीन प्रयास किए, जिसके परिणाम आज दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों के अंदर राष्ट्र भक्ति की भावना जगाने के लिए बच्चे गुड मॉर्निंग की बजाए जय हिंद बोलेंगे। उन्होंने कहा कि इससे बच्चों में राष्ट्र प्रेम की भावना विकसित होगी। शिक्षा विभाग का एक बड़ा कदम राष्ट्र प्रेम के लिए यह समर्पित होगा। इस अवसर पर फतेहाबाद के विधायक दुड़ाराम के अलावा विभाग के अतिरिक्त निदेशक अनुराग ढालिया, एसडीएम राजेश कुमार, डीईओ संगीता बिश्नोई, डीईईओ वेद दहिया और एसएमसी के प्रधान मौजूद रहे।