नयी दिल्ली, 2 अगस्त (एजेंसी)
दिल्ली हाईकोर्ट ने यहां राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन अभ्यर्थियों की डूबने से हुई मौत के मामले की जांच शुक्रवार को सीबीआई को सौंप दी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने आपराधिक मामले में सीबीआई द्वारा की जा रही जांच की निगरानी के लिए केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को एक वरिष्ठ अधिकारी को नियुक्त करने को कहा। अदालत ने बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत की घटना मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा एक वाहन चालक को गिरफ्तार किये जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘गनीमत है कि आपने बेसमेंट में घुसने वाले बारिश के पानी का चालान नहीं काटा।’ वाहन चालक मनुज कथूरिया पर आरोप है कि वह 27 जुलाई को अपना वाहन लेकर जलमग्न सड़क से गुजरे थे और पानी तीन मंजिला इमारत के गेट से टकराया। इससे कोचिंग सेंटर का गेट टूट गया और पानी भर गया। कोर्ट ने पुलिस और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को फटकार लगायी। इस बीच राजेंद्र नगर में स्थित कोचिंग सेंटर में हुई मौतों के विरोध में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों ने अपना विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को छठे दिन भी जारी रखा। इस बीच, कई लोग विरोध स्थल पर पढ़ाई करते देखे गए।
दिल्ली में निर्माण ढांचे पर पुनर्विचार का समय
हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की और कहा कि दिल्ली के प्रशासनिक, वित्तीय, भौतिक ढांचे पर पुनर्विचार का समय आ गया है। साथ ही अदालत ने राजेंद्र नगर में अतिक्रमण, अनधिकृत निर्माण को हटाने का आदेश दिया जिसमें नालों पर किया गया अतिक्रमण भी शामिल है।