रुचिका एम खन्ना/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 2 अगस्त
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को विदेश मंत्रालय ने पेरिस जाने के लिए राजनीतिक मंजूरी नहीं दी है। मान को ओलंपिक में भाग लेने वाली हॉकी टीम का उत्साहवर्धन करने के लिए 3 से 9 अगस्त तक पेरिस जाना था। मुख्यमंत्री कार्यालय को शुक्रवार देर शाम यात्रा की अनुमति नहीं मिलने की सूचना मिली। ट्रिब्यून से बातचीत में मुख्यमंत्री मान ने कहा कि वह अपनी जेब से पैसे खर्च कर आेलंपिक जाना चाह रहे थे, जिससे वे हॉकी टीम के खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन कर सकें, जिनमें से दस खिलाड़ी पंजाब से हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगा कि जब मेरे पंजाब के खिलाड़ी महत्वपूर्ण मैच खेल रहे हों तो उनके लिए वहां मौजूद रहना मेरा कर्तव्य है। लेकिन मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए) अकेले ही विदेश यात्रा करना चाहते हैं। वह नहीं चाहते कि कोई और देश का प्रतिनिधि दिखे, इसलिए मुझे और विपक्षी पार्टी के एक अन्य मुख्यमंत्री को अनुमति नहीं दी गई।’
मान ने कहा कि भारत के ओलंपिक दल में पंजाब के 19 खिलाड़ी हैं। उन्होंने कहा, ‘हॉकी टीम में 10 खिलाड़ी पंजाब से हैं। उन्होंने 52 साल बाद मैच जीतकर आज इतिहास रच दिया है। मेरे अधिकारियों को बताया गया कि आवेदन देर से किया, लेकिन हॉकी टीम के शुरुआती मैच जीतने के बाद ही हम जाने का फैसला कर पाए।’ उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने उन्हें अनुमति देने से इनकार कर दिया, जबकि उनके पास राजनयिक पासपोर्ट है।
मान ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने पहले भी आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर जाने की अनुमति नहीं दी थी। उन्होंने कहा कि गोपाल राय को भी पिछले साल अमेरिका जाने की अनुमति नहीं दी गई थी और उन्हें अदालत जाना पड़ा था। उन्होंने कहा कि क्या वे (भाजपा) चाहते हैं कि हम हर चीज के लिए अदालत जाएं?’
मान की पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर, उनके दो सहयोगी, पांच सुरक्षा अधिकारी, सीएमओ, खेल और निवेश पंजाब विभाग के 10 वरिष्ठ अधिकारी मुख्यमंत्री के साथ जाने वाले थे। राज्य सरकार ने रक्षा उपकरण और कांच निर्माण में काम करने वाली कुछ फ्रांसीसी कंपनियों के साथ बैठकें करने और उन्हें राज्य में आने और निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए समझौता किया था। बेशक केंद्र ने कोई कारण न बताया हो, लेकिन चंडीगढ़ के सूत्रों ने बताया कि मान को जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त होने के कारण और भारत सरकार को उनकी सुरक्षा की चिंता होने के कारण अनुमति देने से मना कर दिया गया है।