शिमला, 3 अगस्त (हप्र)
हिमाचल प्रदेश में 31 जुलाई की रात को हुई बादल फटने की 6 घटनाओं के बाद कुल्लू, शिमला और मंडी जिलों में अलग-अलग स्थान पर आई बाढ़ में लापता 45 लोगों के जीवित बचे होने की संभावना हर बीतते पल के साथ कम होती जा रही है। इस त्रासदी में लापता हुए इन लोगों को तलाशने के लिए एनडीआरफ, एसडीआरएफ, सेना, आईटीबीपी, होमगार्ड, पुलिस और अन्य एजेंसियों का राहत व बचाव अभियान पूरे जोरों पर है। लापता लोगों को ढूंढने के लिए कई-कई किलोमीटर दूर तक नदी-नालों में अभियान चलाया जा रहा है। एनडीआरएफ के कमांडिंग ऑफिसर कर्म सिंह के अनुसार लापता लोगों को ढूंढने के लिए लाइव डिटेक्टर जैसे उपकरणों का भी प्रयोग किया जा रहा है।
श्रीखंड के आसपास फंसे 300 लोग सुरक्षित
उत्तर भारत की सबसे कठिनतम धार्मिक यात्राओं में से एक श्रीखंड महादेव यात्रा के मार्ग और श्रीखंड के आसपास फंसे 300 से अधिक यात्री सुरक्षित हैं। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने इन लोगों के सुरक्षित होने की पुष्टि की है। उन्होंने यह भी कहा कि कुल्लू घाटी के मलाणा में फंसे लगभग 25 पर्यटक भी पूरी तरह सुरक्षित हैं और स्थानीय लोग इनकी अच्छी तरह से देखभाल कर रहे हैं। इन सभी लोगों को मौसम की परिस्थितियां ठीक होने और रास्तों के खुल जाने पर निकाला जाएगा।
प्रदेश में 190 से अधिक सड़कें बंद
हिमाचल प्रदेश में बीते चार दिनों से हो रही वर्षा के कारण हुए भूस्खलन और जमीन धंसने की घटनाओं में 190 से अधिक सड़कें बंद हैं। इनमें से 79 मंडी में, 38 कुल्लू में, 35 चंबा में, 30 शिमला में, पांच कांगड़ा में और किन्नौर और लाहौल स्पीति जिलों में दो-दो सड़कें बंद हैं। राज्य में 294 ट्रांसफार्मर और 120 जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित हुई हैं। हिमाचल पथ परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक रोहन ठाकुर के अनुसार निगम बाढ़ प्रभावित इलाकों में सेवाएं सामान्य करने में जुटा है। इस बीच मौसम विभाग ने 7 अगस्त तक राज्य में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।