शिमला, 3 अगस्त (हप्र)
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने सेवारत व रिटायर कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया है। सरकार ने सेवारत कर्मचारियों और पेंशनरों को हिमकेयर योजना के दायरे से बाहर कर दिया है। हिमकेयर योजना में संशोधन कर सरकार ने बाकायदा इस बारे अधिसूचना जारी कर दी है।
सरकार द्वारा जारी हिमकेयर की ताजा अधिसूचना के अनुसार सभी सरकारी सेवारत, सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों को मुख्यमंत्री हिमाचल स्वास्थ्य देखभाल योजना (हिमकेयर) से तत्काल प्रभाव से बाहर कर दिया गया है। इसके साथ ही इस योजना में निजी अस्पतालों का इंपैनलमेंट 1 सितंबर से वापस लेने का निर्णय लिया गया है। अब इन अस्पतालों में हिमकेयर योजना के तहत इलाज नहीं होगा। इस संबंध में सचिव स्वास्थ्य एम सुधा देवी की ओर से अधिसूचना जारी की गई है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में सेवारत व रिटायर कर्मचारियों को मेडिकल रीइंबर्समेंट की सुविधा है। अर्थात इनके उपचार के खर्च के बिलों का भुगतान सरकार करती है। कमजोर वर्गों के अधिकांश लोग केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना में शामिल हैं। प्रदेश में पूर्व भाजपा सरकार के वक्त आयुष्मान के दायरे से बाहर रह गए लोगों को 5 लाख तक के निशुल्क उपचार की सुविधा देने के मकसद से हिमकेयर योजना को शुरू किया गया था।
योजना के तहत प्रदेश के तमाम सरकारी अस्पतालों के साथ साथ 141 प्राइवेट अस्पतालों को भी इंपैनल किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने कुछ रोज पूर्व कहा था कि बहुत से लोग निजी अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए जाते हैं, जहां पर इलाज काफी महंगा है, जिस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रहता। कुछ प्राइवेट अस्पताल मनमर्जी के रेट भी मरीजों को लगाते हैं। माना जा रहा है कि इसी के चलते निजी अस्पतालों में हिमकेयर योजना के तहत इलाज की सुविधा को बंद करने का फैसला लिया गया है।