असीम यादव/हप्र
नारनौल, 3 अगस्त
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने हरियाणा मांगे हिसाब अभियान के तहत शनिवार को नांगल चौधरी हलके में पदयात्रा की। उन्होंने कहा कि अग्निवीर योजना लागू होने से पहले हर साल सेना में हरियाणा से 5500 युवकों की पक्की भर्ती होती थी, अब वो घटकर 900 रह गयी, जिसमें से 4 साल बाद 225 ही पक्के होंगे।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि नांगल चौधरी में पीने के पानी, नहरी पानी की समस्या है। आज हालात यह हैं कि ना नहर में पानी है ना अस्पताल में डॉक्टर हैं, यहां तक कि न स्कूल में टीचर है। पिछले 10 साल में टीचरों की भर्ती नहीं हुई जिसके कारण स्कूलों में ताले लग गये हैं। हरियाणा ऐसा प्रदेश साबित हुआ जहां 500 से ज्यादा स्कूलों के छोटे-छोटे बच्चों से लेकर खिलाड़ी बेटियों को न्याय के लिए दिल्ली तक धरना देना पड़ा। उन्होंने कहा कि हम भाजपा सरकार से सवाल पूछ रहे, लेकिन वो जवाब नहीं दे रही है। कुछ दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यहीं महेंद्रगढ़ में कांग्रेस सरकार के समय बने केंद्रीय विश्वविद्यालय में आकर कहा कि वो हिसाब नहीं देंगे, बल्कि कांग्रेस से हिसाब लेंगे। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि जैसे लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हाफ कर दिया वैसे ही विधानसभा चुनाव में साफ कर देंगे। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय के आंकड़े बता रहे हैं कि देश में सबसे ज्यादा नशा, सबसे ज्यादा अपराध आज हरियाणा में है।
सांसद ने कहा कि भाजपा सरकार ने लोगों को आईडी व पोर्टलों में उलझा दिया। फैमिली आईडी, प्राॅपर्टी आईडी, परिवार पहचान पत्र लोगों के लिये परेशान पत्र बन चुका है। हर आदमी को लाइनों में खड़ा करके कागजों में उलझा दिया गया। एससी, पिछड़ा वर्ग, गरीब वर्ग के लिये कांग्रेस सरकार के समय चलाई जा रही सारी योजनाएं बंद कर दी।
सांसद दीपेन्द्र ने कहा कि सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष को निशाने पर लिया जा रहा है। कांग्रेस विधायकों पर ईडी का छापा डाला जा रहा है।
हरियाणा बना कच्ची नौकरी की राजधानी
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारत सरकार ने संसद में बताया है कि देश के 28 प्रदेशों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी हरियाणा में है। भाजपा सरकार ने हरियाणा को कौशल निगम के जरिये बिना रिजर्वेशन, बिना पेंशन, बिना मेरिट वाली कच्ची नौकरी की राजधानी बना दिया। 10 साल में भाजपा सरकार ने प्रदेश में सरकारी नौकरी समाप्त कर दी। 2 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं।