सफ़ीदों, 3 अगस्त (निस)
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग सेंटर की बेसमेंट में पानी भरने से तीन विद्यार्थियों, उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव, तेलंगाना की तानिया सोनी व केरल के निविन डालविन की मौत के मामले में प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों में दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने तथा दिल्ली की ‘आप’ सरकार द्वारा विद्यार्थियों के हक में कोई कानून लेकर आने के आश्वासन से पीड़ित पक्ष को कुछ राहत तो मिली है लेकिन ढेरों समस्याएं हैं जिनका निदान भी प्रदर्शनकारी तलाश रहे हैं। दिल्ली में इस हादसे के कोचिंग सेंटर से कुछ फुट की दूरी पर एक अन्य कोचिंग संस्थान में दाखिल व हादसे के कुछ देर बाद ही घटनास्थल पर पहुंचे सफीदों के विकास सांगवान ने आज यहां बताया कि कोचिंग सेंटर के विद्यार्थियों के निरंतर उत्पीड़न के गंभीर मामले हैं जिनका स्थाई समाधान होना चाहिए।
विकास सांगवान दिल्ली के इस हादसे पर प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों मे उत्तर प्रदेश के मयंक सिंह, कोलकाता के सौरभ सिंह, राजस्थान के मनोज कुमार, लखनऊ के राज व घरौंडा की सिमरन मनोचा के साथ शामिल है। इन्होंने बताया कि हादसे की सूचना पर एमसीडी का बचाव दस्ता इंस्टाग्राम पर सूचना के कुछ देर में ही मौके पर पहुंच तो गया था लेकिन बेसमेंट से पानी की निकासी व बचाव के आधुनिक व पर्याप्त उपकरण न होने से पानी की निकासी में कई घंटे का समय लग गया और तब तक दो लड़कियों व एक लड़के की जान चली गई। हाईकोर्ट के फैसले से कुछ राहत मिली और सीबीआई की जांच में जरूर न्याय होगा।
कानून बनाने का मिला आश्वासन
विकास के अनुसार इस हादसे के बाद दिल्ली की शिक्षा मंत्री अातिशी व एलजी से विद्यार्थी मिले थे। आतिशी ने उनकी समस्याओं को नोट करके शीघ्र कोई कानून लाने का आश्वासन दिया है और यह भी कहा है कि कानून का ड्राफ्ट तैयार करने में 10 विद्यार्थियों के प्रतिनिधिमंडल को भी शामिल किया जाएगा।