गुरुग्राम, 3 अगस्त (हप्र)
बसई फ्लाईओवर के निर्माण के दौरान तोड़े गये मकानों के पीड़ितों ने कहा कि उन्हें 38 गज जगह मंजूर नहीं, उन्हें मकान के बदले मकान चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को नींद से जगाने के लिए आज सभी पीड़ित परिवारों को प्रदर्शन करना पड़ रहा है। बसई फ्लाईओवर निर्माण के दौरान 2018 और 2020 में जीएमडीए और एचएसवीपी विभाग द्वारा बसई चौक, भवानी एन्क्लेव में मकानों को तोड़ा गया था। तब सभी पीड़ित परिवारों को तात्कालिक सरकार में मंत्री राव नरबीर सिंह द्वारा आश्वासन दिया गया था कि सभी परिवारों को खांडसा गांव के नाला निर्माण के दौरान तोड़े गए मकानों की तर्ज पर मकान के बदले मकान दिया जाएगा। परंतु अब तक लगभग 6 साल बीत जाने के बाद भी मकान नही मिले और सभी परिवार आज भी न्याय के लिए ठोकरें खा रहें है और खुद का मकान खोने के बाद आसपास की कॉलोनियों में ही किराए के घरों में रहकर न्याय की बाट जोह रहे है।
इसी साल मार्च में स्वर्गीय विधायक राकेश दौलताबाद ने सभी परिवारों को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा अप्रूव्ड हाउसिंग बोर्ड हरियाणा का लेटर (जिसमें डेढ़ मरला लिखा हुआ था) देने के लिए सेक्टर 106 में बुलाया था और जिसमें अब सिर्फ 38-38 गज के प्लाट देने का जिक्र है, जो न्याय नहीं है क्योंकि जो मकान सरकार द्वारा तोड़े गए थे वे 100-200 गज के थे और पक्के 2-3 मंजिला बने हुए थे। 38-38 गज के प्लॉट देने पर सभी पीड़ित परिवारों ने आपत्ति दर्ज करवाई है और इसको बढ़वाने/पुनर्विचार के लिए में एप्लीकेशन दी है क्योंकि इतने छोटे प्लॉट में परिवार कैसे रह पाएंगे।
इस प्रदर्शन से हम सरकार का ध्यान आकर्षित करवाना चाहते है की हम पिछले 6 सालों से न्याय की गुहार लगा रहें हैं, जबकि एक तरफ तो सरकार गरीबों को 100- 100 गज के प्लॉट मुफ्त दे रही है, और हम सब के पास जमीन और मकान के पूरे कागज़ात हैं, फिर भी इतने सालों से इंतजार करना पड़ रहा है, जबकि हमारे मकानों को सरकार ने शहर के विकास के लिए तोड़ा था और विकास में हमारी भी भागीदारी है तो हमें हमारे मकानों के बदले मकान क्यों नही दे रहे।
प्रदर्शन में सत्यप्रकाश गुप्ता, रिटायर्ड सूबेदार रामफल,मूर्ति देवी, अमरीश शर्मा, गीता शर्मा, जय भगवान, विक्की भाई, शमशाद आलम, विजय,अशोक शर्मा, प्रशांत, मनीष, राधेश्याम,गुरमीत सिंह, राजेश, संदीप, समरू प्रसाद, अनिकेत, सत्येंद्र, कमलेश, रेणु, बंदना रॉय आदि पीड़ित परिवार जनों ने अपने मकानों के लिए सरकार से गुहार लगाई है।