अनिमेश सिंह/ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 4 अगस्त
सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन और विपक्षी ‘इंडिया’ के बीच एक और विवाद बढ़ सकता है। कांग्रेस नीत विपक्षी इंडिया गठबंधन के ज्यादातर दल नये संसद भवन में पार्टी दफ्तर को लेकर अनिच्छुक हैं। इन दलों ने पर्याप्त जगह की कमी से लेकर मूल संसद भवन में अपने कार्यालयों के प्रति भावनात्मक लगाव तक का हवाला दिया है। हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने अभी तक इस बारे में कोई फैसला नहीं किया है।
कांग्रेस, जिसके पास मूल संसद भवन की पहली मंजिल पर स्थित मौजूदा कार्यालय में पर्याप्त जगह है, ने नए भवन में जगह लेने से मना कर दिया है और कहा है कि उसे इस प्रस्ताव में कोई दिलचस्पी नहीं है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि उनके पिता और पार्टी के संरक्षक दिवंगत मुलायम सिंह यादव पुराने संसद भवन में मौजूदा पार्टी कार्यालय में बैठते थे और इसलिए वे उनकी याद में कार्यालय को बनाए रखना चाहते हैं। पता चला है कि डीएमके, एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (यूबीटी) ने भी अपने कार्यालयों को नए भवन में स्थानांतरित करने में अनिच्छा दिखाई है।
अनुदान मांगों पर चर्चा का मुद्दा भी गरमाएगा
गृह मंत्रालय पर अनुदान मांगों पर चर्चा की मांग पर अभी तक राज्यसभा में विचार नहीं किया गया है। विपक्ष ने जम्मू-कश्मीर, खासकर जम्मू संभाग में सीमा पार से हमलों में वृद्धि की पृष्ठभूमि में गृह मंत्रालय पर चर्चा की मांग की थी। विपक्ष मणिपुर की मौजूदा स्थिति सहित देश में समग्र आंतरिक सुरक्षा परिदृश्य पर भी चर्चा करना चाहता था। यानी यह मुद्दा भी गरमाएगा।