रेवाड़ी, 4 अगस्त (हप्र)
शहर के रामबास मौहल्ले की सैनी चौपाल रविवार को गांव व शहर के अभिभावकों एवं जागरूक नागरिकों की मीटिंग आयोजित की गई जिसमें सरकारी स्कूलों की बदहाली और अधिकांश प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा के व्यापरीकरण पर गहनता से चर्चा की गई। मीटिंग में समाजसेवी संजय शर्मा ने बताया कि 30 से 40 साल पहले सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बहुत अच्छा था और सरकारी स्कूलों में पढ़े हुए बच्चे डॉक्टर, वैज्ञानिक, इंजीनियर, जज, एडवोकेट इत्यादि बनकर एक खुशहाल जीवन व्यतीत करते थे। धीरे-धीरे एक राजनीतिक साजिश के तहत सरकारी स्कूलों को खराब करना शुरू किया गया जिसके कारण पैरेंट्स ने अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाना शुरू कर दिया। अप्रत्यक्ष रूप से राजनीतिक संरक्षण मिलने की वजह से इन प्राइवेट स्कूलों ने पैरेंट्स को लूटना शुरू कर दिया और आज तो पूरी शिक्षा को एक बड़े व्यापार में बदल दिया है। गांव देहात क्षेत्र के स्कूलों में कम बच्चे होने के कारण आसपास के तीन चार गांवों के स्कूल को एक स्कूल में मर्ज कर दिया। अब गरीब मजदूर अपने बच्चों को तीन-चार किलोमीटर दूर दूसरे गांव के स्कूल में रोजाना छोड़कर नहीं आ सकता और न ही छुट्टी होने पर वापस ला सकते हैं। ऐसे में उस गरीब के बेटे और बेटी अनपढ़ ही रह जायेंगे।