दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 5 अगस्त
हरियाणा के गरीबों के लिए अच्छी खबर है। गांवों में रहने वाले गरीबों को सरकार 50 और 100 वर्गगज तक के प्लाॅट देगी। उन्हें महाग्रामों में 50 और बाकी गांवों में 100-100 वर्गगज के प्लाॅट मिलेंगे। दूसरी ओर, सरकार द्वारा शहरों में गरीब परिवारों को दिए जाने वाले 30 वर्गगज तक के प्लाॅट की पेमेंट का भुगतान तीन वर्षों में किया जा सकेगा। सोमवार को यहां मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री ग्रामीण एवं शहरी आवास योजना में संशोधन को मंजूरी दी गई।
गांवों में उन परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा, जिनकी सालाना आय एक लाख 80 हजार रुपये से कम है और उनके पास खुद का घर नहीं है। हरियाणा सरकार द्वारा इस योजना के लिए गांवों में पंचायती, शामलात या अन्य उपलब्ध जमीन की खरीद की जाएगी। जमीन खरीद का खर्चा सरकार उठाएगी। पूर्व की हुड्डा सरकार ने गांवों में बीपीएल परिवारों को 100-100 गज के मुफ्त प्लाॅट देने की योजना बनाई थी। उस योजना के तहत ही 20 हजार से अधिक ऐसे चिह्नित परिवार थे, जिन्हें प्लाॅट नहीं मिल सके थे।
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद नायब सरकार ने ऐसे सभी परिवारों को प्लाॅट अलॉट करने की शुरुआत की। लगभग सात हजार परिवारों को प्लॉट मिल चुके हैं। जिन्हें प्लॉट नहीं मिले, उनके बैंक खातों में सरकार की ओर से एक-एक लाख रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे, जिससे वे गांव में प्लाॅट ले सकें। कैबिनेट ने नये चिह्नित गरीब परिवारों को मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना में कवर करने का निर्णय लिया है। परिवार पहचान-पत्र में जिन परिवारों की सालाना आय एक लाख 80 हजार रुपये से कम है, उन्हें इसका लाभ मिलेगा। कैबिनेट मीटिंग के बाद मीडिया से बातचीत में सीएम नायब सैनी ने कहा कि मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना में भी संशोधन किया गया है। इसका उद्देश्य परिवार पहचान पत्र में 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले शहरी परिवारों की आवास जरूरतों को पूरा करना है। नीति में बदलाव के तहत जिन लाभार्थियों को 30 गज का प्लाॅट मिला है, उन्हें भुगतान करने के लिए तीन साल का समय मिलेगा। गांव में 50 व 100 गज के प्लॉट की एवेज में इन परिवारों को महज एक हजार रुपये देने होंगे।
एक लाख कर्मियों को पक्का करने की तैयारी सरकार ने लगभग एक लाख कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की तैयारी कर ली है। आठ वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी स्टडी कर रही है। कमेटी की रिपोर्ट नहीं आने की वजह से सोमवार की बैठक में इस पर चर्चा नहीं हो सकी। सीएम से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अध्ययन चल रहा है और जल्द ही फैसला होगा। माना जा रहा है सरकार पांच साल से अधिक सर्विस वाले कर्मचारियों को गेस्ट शिक्षकों की तर्ज पर 58 वर्ष की उम्र होने तक नौकरी की गारंटी दे सकती है।
मानूसन सत्र पर फैसला नहीं
उम्मीद थी कि कैबिनेट की मीटिंग में विधानसभा के मानसून सत्र पर फैसला हो सकता है, लेकिन फिलहाल इस पर चर्चा नहीं हुई। नियमों के हिसाब से छह महीनों के भीतर विधानसभा का सत्र बुलाया जाना अनिवार्य है। 12 मार्च को मुख्यमंत्री बनने के बाद नायब सिंह सैनी ने 13 मार्च को एक दिन का विशेष सत्र बुलाया था। इसके हिसाब से अगला सत्र 12 सितंबर से पहले बुलाया जाना अनिवार्य है। सीएम ने कहा कि सत्र को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। मानसून सत्र बुलाने की जरूरत पड़ी तो बुलाएंगे।