चंडीगढ़, 5 अगस्त (ट्रिन्यू)
कुरुक्षेत्र के थानेसर में रविवार को ‘म्हारा हरियाणा नॉन स्टॉप हरियाणा’ रैली में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा किसानों के लिए की गई घोषणाओं पर सोमवार को 24 घंटों के भीतर कैबिनेट मीटिंग में मुहर लग गई। अभी तक राज्य सरकार 10 फसलों को एमएसपी पर खरीदती थी, अब दस और फसलों यानी 24 फसलों को एमएसपी पर खरीदा जाएगा। यहां सीएम नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में इसे स्वीकृति दी गई।
मीटिंग के बाद सीएम ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और कांग्रेसशासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चुनौती दी है कि वे भी अपने यहां फसलों को एमएसपी पर खरीदें। ये राज्य केवल उन्हीं दो फसलों को एमएसपी पर खरीद रहे हैं, जिनका पैसा केंद्र सरकार देती है। 24 फसलों पर एमएसपी देने वाला हरियाणा, देश का पहला राज्य है। नायब सैनी ने पंजाब के आंदोलनकारी किसानों से भी आग्रह किया है कि वे मान सरकार पर एमएसपी के लिए दबाव बनाएं।
कैबिनेट मीटिंग में तय किया कि पहली अप्रैल, 2024 के बाद से किसानों को अब आबियाना शुल्क नहीं देना होगा। इस अवधि के बाद किसानों को भेजे गए नोटिस भी वापस होंगे। आबियाना खत्म होने से किसानों को हर साल 54 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा। पुराना बकाया भी माफ होगा। इसी तरह से बैठक में पिछड़े वर्ग की क्रीमी लेयर सीमा छह लाख से बढ़ाकर आठ लाख करने को मंजूरी दी गई। साथ ही, पंचायती राज संस्थओं व शहरी स्थानीय निकायों में बीसी-बी वर्ग को पांच प्रतिशत आरक्षण के पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों को कैबिनेट ने मान लिया है। नायब कैबिनेट ने अग्निवीरों को पुलिस, माइनिंग गार्ड, फॉरेस्ट गार्ड, जेल वार्डन और स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) की भर्ती में 10 प्रतिशत होरिजंटल आरक्षण को मंजूरी दी है। ग्रुप-सी की नौकरियों में पांच प्रतिशत आरक्षण मिलेगा और ग्रुप-सी के पदों के लिए अग्निवीरों को लिखित परीक्षा भी नहीं देनी होगी।
भर्ती के लिए आयु सीमा में तीन साल की छूट मिलेगी। जो अग्निवीर पहले बैच के होंगे, उन्हें आयु सीमा में पांच साल की छूट दी गई है। ऐसे उद्योग जो अग्निवीरों को अपने यहां नौकरी देंगे, राज्य सरकार उन्हें 60 हजार रुपये वार्षिक सब्सिडी देगी, बशर्ते की उन्हें 30 हजार रुपये मासिक वेतन मिले। अग्निवीरों को हथियार लाइसेंस देने में प्राथमिकता दी जाएगी।
मिल्क प्लांट्स पर 3336 करोड़ की सैस पेनल्टी माफ : मंत्रिमंडल ने दूध की बिक्री करने वाले दुग्ध प्लांटों के ऊपर लगे सैस (उपकर) के 3336 करोड़ रुपये माफ करने का निर्णय लिया है। दुग्ध की बिक्री करने वाले इन प्लांट को अब सैस की मूल राशि 199 करोड़ रुपये का ही भुगतान करना होगा।
पशुधन विकास बोर्ड की ओर से दुग्ध प्लांटों के लिए विवादों का समाधान स्कीम शुरू की गई थी। इसके तहत हरियाणा मंत्रिमंडल ने ऐसे दुग्ध प्लांट जो 31 जुलाई, 2024 तक दूध सैस देने में डिफाल्टर हैं, उन सभी के लिए विवादों का समाधान स्कीम का एकमुश्त लाभ देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
किरायेदारों को मालिकाना हक
सरकार ने दोहलीदार, बूटीदार, भोंडेदार व मुकरीरदार स्वामित्व अधिकारों का निहित होना अधिनियम 2011 में संशोधन को मंजूरी दी है। संशोधन के बाद यह चारों वर्ग या उनके उत्तराधिकारी जिनकी 20 साल की समय सीमा पूरी हो गई है, वे अपने अधिकार व कब्जे वाली जमीन पर मालिकाना हक के लिए आवेदन कर सकते हैं। ऐसे लोग जिनकी मालिकाना हक की 20 साल की अवधि पूरी नहीं हुई है, वे मालिकाना हक के लिए 20 साल पूरे होने के बाद किसी भी समय आवेदन कर सकते हैं।
14 शहीदों के आश्रितों को नौकरी
मंत्रिमंडल ने नियमों में छूट देते हुए 14 शहीदों के आश्रितों को सरकारी नौकरी देने की स्वीकृति दी है। दो शहीदों के आश्रितों को क्लास-2 और 12 को तृतीय श्रेणी की नौकरी मिलेगी। सीएम ने कहा कि ये सभी आवेदक नीति के तहत नौकरियां पाने के पात्र थे, लेकिन हरियाणा सरकार की अनुकंपा नीति से अनभिज्ञ होने या नाबालिग होने के कारण तीन साल की समय सीमा के भीतर नियुक्ति के लिए आवेदन नहीं कर पाए थे। ऐसे प्रस्ताव सरकार के पास लंबित थे, जिन पर विचार कर राज्य सरकार ने नीति में छूट देते हुए उन्हें नौकरियां प्रदान की हैं।
अन्य फैसले
खनन अधिकारियों को चालान की पावर
हरियाणा मंत्रिमंडल ने हरियाणा मोटर वाहन नियम-1993 के तहत चालान करने की शक्ति प्रदान करने के संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। अब खनन अधिकारी या इससे उच्च रैंक के अधिकारियों के पास खनन सामग्री ले जाने वाले माल वाहकों के चालान करने की शक्ति होगी।
कालोनियों के लिए नियम तय
बैठक में 2022 की नई एकीकृत लाइसेंसिंग पॉलिसी के खंडों में बदलाव का निर्णय लिया। इसके तहत सामान्य आवासीय प्लॉटेड लाइसेंस प्राप्त कॉलोनियों के समान आवासीय प्लॉटेड घटक के तहत क्रय योग्य विकास अधिकार (पीडीआर) की अनुमति दी है। संशोधन के अनुसार, कॉलोनाइजर को एफएआर के मापदंडों के भीतर समूह आवास, भूखंड, पंक्ति आवास आदि जैसे उपयोगों के लिए आवासीय घटक आवंटित करने की स्वतंत्रता होगी।
विवाह पंजीकरण के नियम बदले
विवाह पंजीकरण को सरल बनाने के लिए हरियाणा अनिवार्य विवाह पंजीकरण नियम-2008 में संशोधन का निर्णय लिया है। संशोधनों के तहत, एडीसी अब विवाह पंजीकरण के लिए जिला रजिस्ट्रार के रूप में कार्य करेंगे। ये जिला रजिस्ट्रार अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर सभी रजिस्ट्रार कार्यालयों को नियंत्रित रखेंगे। इससे आवेदनों का सुचारू और तेज प्रसंस्करण सुनिश्चित होगा। अब सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम, संयुक्त आयुक्त, डीएमसी, नगर निगमों में कार्यकारी अधिकारी, बीडीपीओ और ग्राम सचिवों को भी कुछ शर्तों के साथ अपने अधिकार क्षेत्र में विवाह पंजीकरण करने की शक्ति दी है ताकि स्थानीय स्तर पर विवाह पंजीकरण किया जा सके।