इंडोनेशिया में एक सिगरेट की क़ीमत है, दो हज़ार रुपिया (भारतीय मुद्रा में 10 रुपये 43 पैसे) है। पूरी डिब्बी की क़ीमत आमतौर पर लगभग 30,000 रुपिया (भारतीय करेंसी में 157 रुपये) मानकर चलिए। सिगरेट की कम-ज्यादा कीमतें ब्रांड के ऊपर हैं। वहां की सरकार ने सिगरेट की खुदरा बिक्री पर रोक लगा दी है, जिससे खोमचे-ठीये वाले अपना धंधा चौपट हो जाने के डर से परेशान हैं। सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का तंबाकू समर्थक कार्यकर्ताओं ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है, जिनका मानना है कि तंबाकू की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने से छोटे व्यवसायों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और यह देश की गहरी जड़ें जमाए धूम्रपान संस्कृति के खिलाफ़ होगा।
सिगरेट समर्थक कार्यकर्ताओं के अनुसार, ‘सिगरेट वह गोंद है जो इस द्वीपसमूह में सामाजिक संबंधों को एक-दूसरे से चिपकाये रखती है।’ जावा में शादियों और अंतिम संस्कारों के दौरान आये लोगों को अक्सर सिगरेट ऑफर की जाती है, और हिंदू बहुल द्वीप बाली में देवताओं-परमात्माओं को अर्पित दैनिक प्रसाद में भी सिगरेट शामिल है। ‘कैनांग सारी’ नामक पारंपरिक प्रसाद को नारियल के पत्ते वाली बकेट में रखते हैं, जिसके अंदर फूल, चावल और सिगरेट होती है। इन्हें देवताओं के प्रति समर्पण और आत्माओं को प्रसन्न करने के लिए चढ़ाया जाता है। सिगरेट समर्थकों का कहना है कि सरकार इस प्रतिबंध के बहाने हमारी आस्था पर चोट कर रही है।
इंडोनेशिया द्वीप समूह के किसी भी हिस्से में जाएं। सुबह के पारंपरिक नाश्ते में एक कप कॉफी के साथ सिगरेट ज़रूर दिखेगा। पश्चिमी सुमात्रा में सर्फिंग के लिए मशहूर मेंटावई जनजातियां तंबाकू या उबे का सेवन करती हैं। सिगरेट चाहे टेंशन दूर करे, मगर उसके आदी लोग व्यक्तिगत आनंद के लिए उसका होना ज़रूरी मानते हैं। क्रेटेक ब्रांड के सिगरेट की दीवानगी तंबाकू समर्थक नीतियों की वकालत करने वाले केपाले देसे के बयानों से दरपेश है, ‘क्रेटेक एक इंडोनेशियाई सिग्नेचर सिगरेट है, जिसमें लौंग के साथ तंबाकू मिलाया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप जलने पर मीठा स्वाद और गाढ़ा धुआं निकलता है। हम इसे छोड़ नहीं सकते।’
नए विनियमन में सिगरेट के एक पैकेट में कम से कम 20 सिगरेट होनी चाहिए, जिससे 12 या 16 सिगरेट वाले सस्ते पैकेट की बिक्री खत्म हो जाएगी। न्यूनतम खरीद आयु भी 18 से बढ़ाकर 21 कर दी गई है। नए विनियमन को तोड़ने वाले विक्रेताओं या उत्पादकों पर क्या जुर्माना ठोकेंगे, अभी स्पष्ट नहीं किया है। इंडोनेशिया दुनिया के सबसे बड़े इंस्टाग्राम दर्शकों में से एक है, जिसके एक करोड़ 11 लाख से अधिक उपयोगकर्ता हैं। जिनमें से आधे से अधिक 13 से 24 वर्ष की आयु के हैं। तंबाकू प्रवर्तन और रिपोर्टिंग आंदोलन (टीईआरएम) के अनुसार, ‘2023 तक, इंडोनेशिया में लगभग 70 प्रतिशत ऑनलाइन तंबाकू विपणन इंस्टाग्राम पर हुआ।’ इंडोनेशिया में तंबाकू और ई-सिगरेट को सोशल मीडिया पर प्रचारित करने से रोक दिया गया है।
सिगरेट समर्थक केपाले देसे कहते हैं, ‘हम छोटे विक्रेताओं का पक्ष लेते हैं, क्योंकि यह प्रतिबंध उन्हें नुकसान पहुंचाएगा। हमने खुदरा सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध के बारे में खोमचे-ठेले वालों की राय पूछी, और उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया।’ लेकिन इसके उलट स्वास्थ्य मंत्रालय में कानून प्रभाग के प्रमुख इंदा फेब्रियांटी ने 2 अगस्त, 2024 को दिये बयान में कहा, ‘खुदरा सिगरेट बच्चों और किशोरों के लिए आसानी से उपलब्ध हैं, जिनके उपभोग के स्तर को हम वास्तव में कम करना चाहते हैं।’
इंडोनेशिया में धूम्रपान की दर दुनिया में सबसे ज़्यादा है : पिछले साल इंडोनेशियाई स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, 270 मिलियन की आबादी में से 70 मिलियन सक्रिय धूम्रपान करने वाले थे। किशोर उम्र वालों का धूम्रपान रोकना भी एक चुनौती है। पिछले साल धूम्रपान करने वालों में से 7.4 प्रतिशत 10-18 वर्ष के थे, जबकि 15-19 वर्ष की आयु में धूम्रपान शुरू करने वालों की संख्या सबसे ज़्यादा 56.5 प्रतिशत थी। हालांकि, नवीनतम तम्बाकू नियंत्रण विनियमों का तम्बाकू विरोधी कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया, हालांकि वे जकार्ता से और अधिक प्रतिबंधों की मांग करते हैं। वाशिंगटन स्थित ‘कैंपेन फॉर टोबैको-फ्री किड्स’ के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी योलोंडा सी। रिचर्डसन ने एक बयान में कहा कि हमारा संगठन नियमों पर हस्ताक्षर करने के लिए विडोडो की सराहना करता है, और सरकार से आग्रह करता है कि वे तम्बाकू कंपनियों के हस्तक्षेप के बावजूद, उन्हें लागू करें जो निश्चित रूप से जारी रहेगा।
नवंबर, 2011 में बाली को सिगरेट मुक्त करने का ऐलान किया गया, लेकिन यह घोषणा लचर साबित हुई। फिर दोबारा से 1 जून, 2012 से धूम्रपान पर सख्त पाबंदी आयद की। इंडोनेशिया उन चंद देशों में से एक है, जो अभी भी टेलीविजन पर तम्बाकू के विज्ञापन की अनुमति देता है, हालांकि इसे रात 9:30 बजे के बाद ही प्रसारित किया जा सकता है। ‘इंडोनेशिया इंस्टीट्यूट फॉर सोशल डेवलपमेंट’ के निदेशक, अहमद फनानी ने 31 जुलाई, 2024 को जारी एक बयान में कहा, कि हम ‘प्रगतिशील’ नियमों का स्वागत करते हैं, हालांकि हमें खेद है कि तम्बाकू विज्ञापन प्रतिबंध केवल सोशल मीडिया पर लागू होता है, न कि टेलीविजन या बिलबोर्ड पर। सैम्पोएर्ना इंडोनेशिया की सबसे बड़ी तंबाकू कंपनी है। यह लौंग सिगरेट बनाती है, जिसे स्थानीय तौर पर ‘क्रेटेक सिगरेट’ के नाम से जाना जाता है। सैम्पोएर्ना के सिगरेट ब्रांडों को इंडोनेशिया में म्यूज़िक कंसर्ट्स के ज़रिये प्रोमोट किया जाता है। इंडोनेशिया में सिगरेट बाज़ार की बादशाहत सैम्पोएर्ना के पास है, जो सबसे मशहूर लौंग वाली क्रेटेक सिगरेट बनाती है। सैम्पोएर्ना के क़ब्ज़े में बाजार का लगभग एक-तिहाई हिस्सा है। सैम्पोएर्ना का निकटतम प्रतिद्वंद्वी फिलिप मॉरिस इंटरनेशनल (पीएमआई) है। इंडोनेशिया में तम्बाकू उत्पादन का 90 प्रतिशत, सिर्फ़ तीन प्रांतों से आता है : पूर्वी जावा, मध्य जावा और पश्चिमी नुसा तेंगारा।
वर्ष 2023 में मार्केट रिसर्च कंपनी, ‘यूरोमॉनीटर इंटरनेशनल’ ने इंडोनेशियाई तंबाकू बाजार का मूल्य 34 बिलियन डॉलर का आंका है। ‘स्टैटिस्टा’ के अनुसार, ‘तम्बाकू के कारोबार में चीन, अमेरिका और जर्मनी के बाद चौथे स्थान पर इंडोनेशिया आता है।’ 2023 में इंडोनेशिया ने 238.8 हज़ार मीट्रिक टन से ज़्यादा कच्चे तम्बाकू का उत्पादन दर्ज किया था। सबसे दिक्क़त की बात यह है कि तम्बाकू के कारोबार से सरकारें, रेवन्यू का बड़ा हिस्सा बटोरती हैं। तम्बाकू कंपनियों से तगड़ी सौदेबाज़ी होती है। विज्ञापनों में कर्क रोग का डर दिखाया जाता है, लेकिन सचमुच सरकारें तम्बाकू का कारोबार बंद कर दें, तो कैंसर अस्पताल चलेंगे कैसे? सच यह है कि सिगरेट पर सरकारी प्रतिबंध हाथी के दिखने वाले दांत की तरह है। इसे जड़ से नहीं उखाड़ सकते!
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।