अशोक जोशी
अब कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर खेती का सिलसिला चल पड़ा है। इस लिहाज से कृषि विज्ञान में कैरियर के अवसर बहुत हैं, जिसमें अनुसंधान और विकास से लेकर उत्पादन, प्रबंधन और नीति-निर्माण तक की भूमिकाएं शामिल हैं। बता दें कि कृषि में जहां कृषि उत्पादों का उत्पादन, प्रसंस्करण और वितरण शामिल है वहीं खेती और पशुपालन से लेकर खाद्य प्रसंस्करण और वितरण तक की कई गतिविधियां शामिल हैं। कृषि में कैरियर की तरफ छात्रों का रुझान इसकी बढ़ती पॉपुलैरिटी भी है। दरअसल कृषि देश में आने वाले अनाज और खाद्य पदार्थों की मांग को पूरा करती है। बढ़ती आबादी के साथ भोजन की मांग बढ़ रही है जिससे एग्रीकल्चर से जुड़ी तकनीकों में वृद्धि की मांग भी बढ़ गई है। बेहतर तकनीक के साथ-साथ बेहतर प्रोडक्शन और ग्रोथ के लिए मैन पॉवर का स्किल्ड व नये आइडिया से लैस होना भी आवश्यक है।
कृषि विज्ञान का कार्यक्षेत्र
कृषि विज्ञान खाद्य और अन्य वस्तुओं के व्यवस्थित और नियंत्रित तरीके से उत्पादन का अध्ययन है। इस क्षेत्र में खेती, बागवानी और कृषि-व्यवसाय गतिविधियों का प्रबंधन शामिल है। यह देश के कृषि परिदृश्य और उसके कृषि उद्योग की जानकारी भी देता है। यह खेतों के वित्त पोषण और संबंधित बैंकिंग गतिविधियों, कृषि उत्पादों की क्षमता और गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से अनुसंधान और विकास आदि का भी अध्ययन करता है।
जॉब प्रोफाइल्स
कृषि वैज्ञानिक फसलों और जानवरों की उत्पादकता और स्थिरता को बेहतर बनाने के लिए अनुसंधान और प्रयोग करते हैं। प्रसंस्करण, पैकेजिंग और वितरण के लिए बेहतर तरीके विकसित करने के साथ-साथ नए खाद्य उत्पाद भी बनाते हैं। ये वैज्ञानिक समुदाय और नीति निर्माताओं के साथ समन्वय में अनुसंधान कार्य करते हैं।
कृषि विज्ञानी
इनकी कार्य जिम्मेदारियों में क्षेत्र की जांच, मृदा प्रबंधन और बाजार विश्लेषण शामिल हैं। ये किसानों को नेतृत्व और कृषि संबंधी जानकारी भी प्रदान करते हैं। कुशल फसल उत्पादन प्राप्त करने व मिट्टी का नमूना लेने में मदद करते हैं।
कृषि इंजीनियर
ये बिजली आपूर्ति, सुविधा और भवन उपयोग, मशीनरी दक्षता, प्रदूषण, पर्यावरण संबंधी चिंताओं और कृषि वस्तुओं के संचालन, प्रसंस्करण और भंडारण के लिए समाधान प्रदान करते हैं।
फसल सलाहकार
फसल सलाहकार पौधों और मिट्टी के जानकार होते हैं। ये किसानों के साथ मिलकर काम करते हैं और बदलते मौसम के दौरान होने वाली समस्याओं के लिए उनके खेतों की निगरानी करते हैं। कीट नियंत्रण, रोग उपचार, बीज और उर्वरक सलाह देते हैं।
फार्म मैनेजर
इनका काम फसलों और जानवरों का निरीक्षण करने के लिए विभिन्न प्रभागों का दौरा करना और मिट्टी-पानी के परीक्षण करना है। वे फसलों, उर्वरकों, कीटनाशकों और अन्य आपूर्तियों का दैनिक पुनः भंडारण बनाए रखते हैं वहीं मरम्मत और मशीनरी प्रतिस्थापन की योजना बनाते हैं।
खाद्य वैज्ञानिक
भोजन के सभी मूल तत्वों का अध्ययन करना उन पहलुओं में से एक है जिस पर खाद्य वैज्ञानिक काम करते हैं। वे प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को स्वस्थ बनाने और विभिन्न पैकेज्ड खाद्य पदार्थों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के तरीके खोजते हैं।
कृषि अर्थशास्त्री
कृषि का अध्ययन व्यवसायिक संदर्भ में करते हैं, जिसमें यह शामिल होता है कि उत्पादों का उपभोग, विकास, वित्तपोषण, वृद्धि, विपणन, प्रसंस्करण, अनुसंधान और परिवहन कहां किया जाता है। मृदा वैज्ञानिक : ये उचित भूमि उपयोग के लिए मिट्टी का अध्ययन, विश्लेषण और अनुशंसा करते हैं। वैज्ञानिक मिट्टी के रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और भौतिकी के बारे में जानकारी एकत्र करते हैं, व्याख्या करते हैं और उसका मूल्यांकन करते हैं।
आवश्यक योग्यताएं
कृषि वैज्ञानिक बनने के लिए प्रथम स्तर पर तो 10+2 या समकक्ष, भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान/गणित या कृषि स्ट्रीम के साथ उत्तीर्ण करना जरूरी है। दूसरे स्तर पर कृषि विज्ञान पाठ्यक्रम और डिग्री,डिप्लोमा पाठ्यक्रम,कृषि में डिप्लोमा,बागवानी में डिप्लोमा,कृषि में विज्ञान स्नातक (ऑनर्स),मत्स्य विज्ञान स्नातक (बीएफएससी),बी.एससी. खाद्य प्रौद्योगिकी,बी.एस.सी. बागवानी,बी.टेक बायोटेक्नोलॉजी,बी.टेक. कृषि इंजीनियरिंग,कृषि विज्ञान में स्नातकोत्तर,एमबीए कृषि-व्यवसाय,एम.एससी. कृषि जैव प्रौद्योगिकी,कृषि विज्ञान में स्नातकोत्तर,कृषि में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी के अलावा कृषि में बीएससी में से कुछ भी कर सकते हैं। सरकारी नौकरी के लिए पात्र होने के लिए यूजीसी-नेट ,आईबीपीएस एसओ,नाबार्ड ग्रेड-ए परीक्षा,राज्य वन परीक्षा,यूपीएससी-आईएफएससी (भारतीय वन सेवा) परीक्षा जैसी सरकारी परीक्षाएं उत्तीर्ण करनी होती हैं।
महत्वपूर्ण संस्थान
कृषि विज्ञान महाविद्यालय/विश्वविद्यालय,कृषि विज्ञान पाठ्यक्रम प्रदान करने वाले शीर्ष संस्थानों में सीसीएस कृषि विश्वविद्यालय हिसार, एनडीआरआई करनाल, कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय बैंगलोर, आंध्र विश्वविद्यालय विशाखापत्तनम, केरल कृषि विश्वविद्यालय त्रिशूर, तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय कोयंबटूर, जवाहर लाल कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर, कृषि महाविद्यालय इंदौर, इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टिट्यूट नई दिल्ली, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना आदि शामिल हैं।
रोजगार के मौके और आय
कृषि क्षेत्र में नौकरी की कई भूमिकाएं हैं, जिनमें पारंपरिक खेती से लेकर अत्याधुनिक शोध पद शामिल हैं। यदि स्नातक कृषि विज्ञान, पादप रोग विज्ञान, पशु विज्ञान, कीट विज्ञान, कृषि अर्थशास्त्र, मृदा विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न विषयों में पारंगत होते हैं, जिससे वे सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के रोजगार अवसरों के लिए पात्र बन जाते हैं। जहां कृषि अधिकारी ,कृषि विकास अधिकारी,कृषि विश्लेषक,सहायक बागान प्रबंधक,कृषि अनुसंधान वैज्ञानिक,कृषि तकनीशियन, कृषि इंजीनियर,रेशम उत्पादन विशेषज्ञ, खाद्य प्रौद्योगिकीविद्,आईसीएआर वैज्ञानिक के रूप में साढ़े तीन लाख रुपए प्रतिवर्ष से 30 लाख रुपए प्रतिवर्ष तक वेतन प्राप्त कर सकते हैं।