मनीमाजरा (चंडीगढ़), 7 अगस्त (हप्र)
चंडीगढ़ से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को छिक्के पर टांगकर आम लोगों के लिए परेशानियां खड़ी करने वाले चंडीगढ़ प्रशासन की कार्रवाई का मुद्दा लोकसभा में उठाया। तिवारी ने कहा कि इसके चलते गंभीर परिस्थितियों के बावजूद लोगों को अपनी संपत्ति बहुत सस्ते दामों पर जायदाद के सहमालिकों को बेचनी पड़ रही है।
संसद में तिवारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी 2022 को एक फैसले में दो निर्देश दिए थे। इस क्रम में, पहले फैसले में न्यायालय ने कहा था कि चंडीगढ़ प्रशासन ऐसा कोई नक्शा पारित नहीं करेगा, जो तीन मंजिली मकान को तीन फ्लैटों में तबदील करता हो। इसके अलावा, कोई ऐसा एमओयू पंजीकृत नहीं होगा, जो इस तरह की कार्रवाई पर अमली जामा पहनाता हो, जब तक कि हेरीटेज कमेटी द्वारा विरासती रिहायशी सेक्टरों की तबदीली पर पुनर्विचार नहीं किया जाता। अब हेरीटेज कमेटी ने पुनर्विचार करके सुनिश्चित किया कि विरासती सेक्टरों में किसी रिडेंसिफिकेशन की जरूरत नहीं है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अफसोस की बात यह है कि शायद चंडीगढ़ प्रशासन उच्चतम न्यायालय के फैसले को सही तरीके से समझ नहीं पाया और 9 फरवरी, 2023 को प्रशासन की ओर से आदेश जारी करके चंडीगढ़ में संपत्ति की हिस्सेदारी सेल पर रोक लगा दी। इससे लाखों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने गृह मंत्रालय से ऐसे आदेशों को वापस किए जाने की मांग की।
जानबूझकर गुमराह किया, माफी मांगें भाजपा नेता : कांग्रेस
मनीमाजरा (चंडीगढ़) (हप्र) : चंडीगढ़ कांग्रेस ने भाजपा नेताओं जतिंदर पाल मल्होत्रा और संजय टंडन पर आरोप लगाया कि पिछले संसदीय चुनावों के दौरान दिल्ली में अपने केंद्रीय नेतृत्व के रुख के बारे में सब जानते हुए भी उन्होंने मतदाताओं से झूठे वादे किए और उन्हें जानबूझकर गुमराह किया। इसके लिए स्थानीय भाजपा नेताओं को चंडीगढ़ की जनता से माफी मांगनी चाहिए। बुधवार को चंडीगढ़ कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव शर्मा ने कहा कि चंडीगढ़ भाजपा ने गांवों के लाल डोरे के विस्तार और लाल डोरे के बाहर बने घरों को नियमित करने के मुद्दे को अपने 2024 के चुनाव घोषणापत्र में शामिल किया था। उन्होंने यह भी कहा कि चुनावों के दौरान स्थानीय भाजपा ने लीज होल्ड पर आवंटित वाणिज्यिक और औद्योगिक संपत्तियों को फ्री होल्ड में बदलने और चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की 60 हजार से अधिक आवासीय इकाइयों और अन्य टेनामेंट में जरूरत के मुताबिक बदलावों को दिल्ली की तर्ज पर नियमित करने का भी वादा किया था। जबकि उन्हें पता था कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व चंडीगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार करता है और चंडीगढ़ के लोगों को ऐसी कोई सुविधा देने का इच्छुक नहीं है। परिणामस्वरूप वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह के नियंत्रण में चलने वाला गृह मंत्रालय अब केंद्र शासित प्रदेश की जनता की वास्तविक मांगों को एक के बाद एक स्वीकार करने से पूरी तरह से इनकार कर रहा है।