नयी दिल्ली, 7 अगस्त (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की एकल पीठ की ओर से अवमानना के एक मामले में शीर्ष अदालत के खिलाफ की गई टिप्पणियों को बुधवार को हटा दिया और कहा कि वे ‘अनुचित’ और ‘अपमानजनक’ थीं।
भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश राजबीर सेहरावत की आलोचनात्मक टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। पीठ में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस ऋषिकेश रॉय भी शामिल थे। पीठ ने न्यायिक अनुशासन का उल्लेख किया और कहा कि उसे उम्मीद है कि भविष्य में ऊंची अदालतों के आदेशों पर विचार करते समय अधिक सावधानी बरती जाएगी। पीठ ने कहा कि न तो सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च है और न ही हाईकोर्ट, वास्तव में भारत का संविधान सर्वोच्च है। पीठ ने स्वत: संज्ञान लिया था। जस्टिस सहरावत ने हाईकोर्ट द्वारा शुरू की गई अवमानना कार्यवाही पर रोक लगाने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आलोचना की थी।