सौरभ मलिक/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 7 अगस्त
लॉरेंस बिश्नोई के हिरासत में लिए गए इंटरव्यू को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ओर से गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने खुलासा किया है कि गैंगस्टर का पहला साक्षात्कार केंद्रीय जांच एजेंसी (सीआईए) के खरड़ परिसर में किया गया था। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान में हुआ था। एसआईटी की रिपोर्ट पंजाब सरकार द्वारा गठित दो सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति के उस दावे के मद्देनजर आई है, जिसमें कहा गया था कि यह असंभव है कि इंटरव्यू राज्य में जेल या पुलिस हिरासत में किए गए हैं।
जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और जस्टिस लपिता बनर्जी की खंडपीठ ने बुधवार को कहा कि सरकार की समिति को लगभग आठ महीने लग गए, लेकिन वह किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाई। पीठ ने जोर देकर कहा, ‘यदि यह अदालत को गुमराह करने या अदालत की कार्यवाही को गलत दिशा में ले जाने का प्रयास था तो यह एक गंभीर मामला है। इस पर उचित चरण में विचार किया जाएगा।’ अदालत ने स्पष्ट कहा कि विभाग में छिपे ऐसे भेदियों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए। साथ ही, उम्मीद और विश्वास जताया कि एसआईटी जांच निचले स्तर के अधिकारियों तक सीमित नहीं रहेगी और उच्च अधिकारियों को बचाने के लिए उन्हें बलि का बकरा नहीं बनाया जाएगा। अदालत ने पंजाब के मुख्य सचिव को एसआईटी को हर संभव सहायता प्रदान करने का भी निर्देश दिया। साथ ही यह भी कहा कि पंजाब पुलिस देश के सर्वश्रेष्ठ पुलिस बलों में से एक है, लेकिन इसे बाहरी प्रभाव से अलग रखने की आवश्यकता है। पीठ ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को आपराधिक मामलों, विशेष रूप से जबरन वसूली/धमकी भरे कॉल, फिरौती के लिए कॉल, अपहरण और गवाहों को डराने-धमकाने से संबंधित मामलों का मार्च 2023 (साक्षात्कार प्रसारित होने के बाद) से दिसंबर 2023 उनके हटाए जाने तक का विवरण पेश करने के लिए कहा। डीजीपी को साक्षात्कारों के प्रसारण से पहले के नौ महीनों के आंकड़ों की तुलना करने के लिए कहा गया था।