जीत सिंह सैनी/निस, गुहला चीका, 8 अगस्त
तहसील न्यायालय में मुकदमों के निस्तारण में विलंब, फाइलों को लंबित रखने, वादों के निपटारे में देरी व दाखिल खारिज में विलंब के विरोध में आज गुहला अदालत के वकीलों ने तहसील कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर तहसीलदार व प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
धरने की अध्यक्षता गुहला बार के अध्यक्ष सुरेंद्र हांडा (विक्की)ने की। अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए जीवानंद कौशिक व बीके कालड़ा ने कहा कि तहसीलदार मनजीत सिंह मलिक जानबूझकर वकीलों के काम को लटकाकर रखता है और दलालों के काम प्राथमिकता के आधार पर किए जाते हैं।
वकीलों ने कहा कि गुहला तहसील कार्यालय में हर तरफ भ्रष्टाचार फैला हुआ है। उन्होंने कहा कि तहसीलदार के खिलाफ वकील पहले भी प्रदर्शन कर रोष जता चुके हैं लेकिन तहसीलदार ने अपना रवैया नहीं बदला। बार के अध्यक्ष सुरेंद्र हांडा ने कहा कि वकीलों ने तहसील कार्यालय का दो माह से बायकाट कर रखा है और इस दौरान वकीलों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री नायब सैनी से भी मिल चुका है लेकिन उनकी कोई सुनवाई नही की गई।
सुरेंद्र हांडा बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि तहसील के कंप्यूटर आपरेटरों की हड़ताल के दौरान तहसीलदार मनजीत सिंह ने प्राइवेट कंप्यूटर आपरेटरों से कम से कम तीन रजिस्ट्रियां करवाई हैं। सुरेंद्र हांडा ने कहा कि जब तक सरकार तहसीलदार मनजीत का तबादला नहीं करता उनका धरना तब तक जारी रहेगा।
वहीं, तहसीलदार मनजीत सिंह का कहना है कि सभी फाइलें निर्धारित समय में निपटाई जाती हैं। प्रशासनिक कार्यों के साथ न्यायिक कार्य का निपटारा समय से किया जाता है। कुछ अधिवक्ताओं के व्यक्तिगत हितों की पूर्ति न होने के चलते अधिवक्ता उनके ऊपर निराधार आरोप लगा रहे हैं। कार्यालय में भ्रष्टाचार व रिश्वत लेने के सभी आरोप झूठे हैं।