फरीदाबाद, 8 अगस्त (हप्र)
सांसद स्वाति मालीवाल ने राज्यसभा में निजी स्कूलों में फीस बढ़ोतरी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अधिकांश निजी स्कूल मुनाफाखोरी के अड्डे बन गए हैं। स्कूलों ने अपने परिसर में किताबों, कॉपी, वर्दी आदि की दुकानें खोल रखी हैं। बच्चे एटीएम मशीन बन गए हैं। हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने प्राइवेट स्कूलों द्वारा किए जा रहे शिक्षा के व्यवसायीकरण के मुद्दे को संसद में उठाने पर स्वाति मालीवाल का आभार प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से कहा है कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर आज तक किसी भी केंद्र सरकार ने कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की है जबकि यह मुद्दा कई बार संसद में उठ चुका है। अत: वे इस मुद्दे पर अभिभावकों के हित में उचित कार्रवाई करें।
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को याद दिलाया है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के समय 20 जून, 2016 को आगरा में कहा था कि आज जब गरीब व मध्यम वर्ग के लोग बच्चों को प्रवेश दिलाने स्कूल जाते हैं तो उनसे नोट मांगे जाते हैं तो बच्चों का प्रवेश नहीं मिलता है, पर अब यह व्यवस्था नहीं चलेगी, इसके लिए सरकार उपाय कर रही है। इतना ही नहीं, संघ के सर संघचालक मोहन भागवत भी शिक्षा के व्यवसायीकरण पर कई बार चिंता जाहिर कर चुके हैं। इसके बावजूद प्राइवेट स्कूलों की मनमानीपूर्ण फीस वृद्धि व अन्य प्रकार की लूट व मनमानी के शिकार हो रहे गरीब, पिछड़े व मिडल क्लास अभिभावकों के हित में आज तक कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की गई है।
यहां बता दें कि स्वाति मालीवाल के प्रश्न के जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि यह राज्यों का मुद्दा है। राज्य सरकारों को मुनाफाखोरी कर रहे निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। केंद्र सरकार इस प्रयास में उनका समर्थन करेगी। मंच के प्रदेश संरक्षक सुभाष लांबा व विधि सलाहकार एडवोकेट बिरदी ने धर्मेन्द्र प्रधान के उत्तर को लीपापोती बताते हुए उनसे मांग की है कि निजी स्कूलों की लूट व मनमानी को रोकने के लिए केंद्रीय कानून बनाना चाहिए, जिसमें सभी प्राइवेट कॉलेज व स्कूलों के खातों, उनकी बैलेंस शीट की कैग से हर साल वार्षिक ऑडिट व जांच कराने का प्रावधान हो।