चंडीगढ़, 8 अगस्त (ट्रिन्यू)
लोकसभा चुनावों में धरतीपुत्र की ‘नाराजगी’ झेल चुकी सत्तारूढ़ भाजपा अब किसानों को रिझाने में जुटी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पूरी तरह से चुनावी कदम चल रहे हैं। पिछले दिनों कुरुक्षेत्र की रैली में किसानों के लिए बड़ी घोषणाओं के बाद अब किसानों को खरीफ सीजन की सभी फसलों पर 2000 रुपये प्रति एकड़ बोनस देने का फैसला लिया है। बोनस की राशि उस छोटे किसान को भी मिलेगी, जिसके पास एक एकड़ से भी कम जमीन है। बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में सीएम नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। राज्य में ऐसे किसानों की संख्या भी काफी अधिक है, जिनके पास एक एकड़ से भी कम जमीन है। ऐसे सभी किसानों को भी कम से कम 2000 रुपये बोनस दिया जाएगा। ऐसे में उनके पास जमीन का टुकड़ा एक एकड़ से कितना ही छोटा क्यों ना हो। बोनस के लिए किसानों को ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
रजिस्ट्रेशन के लिए किसानों को 15 अगस्त तक का समय दिया है। कैबिनेट की मंजूरी के साथ ही पोर्टल को भी किसानों के लिए ओपन कर दिया है। कैबिनेट के इस फैसले से किसानों को अकेले खरीफ सीजन में 1300 करोड़ रुपये से अधिक का फायदा होगा। यही नहीं, मंत्रिमंडल ने फल व सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को भी योजना में कवर करने की मंजूरी दी है। यानी हरियाणा में फलों व सब्जियों का उत्पादन करने वाले किसान भी दो हजार रुपये प्रति एकड़ बोनस के हकदार होंगे।
खरीफ में आती हैं ये फसलें
खरीफ सीजन में लगभग चौदह प्रमुख फसलें होती हैं। इनमें धान का सबसे अधिक उत्पादन हरियाणा में होता है। इसी तरह से कपास, मक्का, बाजरा, ज्वार, ग्वार, मूंग, मूंगफली, गन्ना, जूट, अरहर, सूरजमुखी, तिल और सोयाबीन की फसलें भी खरीफ सीजन में आएंगी।
कैबिनेट मीटिंग के बाद सीएम नायब सिंह सैनी ने फसलों को लेकर मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि राज्य सरकार किसानों के हित में लगातार बड़े फैसले ले रही है। कैबिनेट के फैसले से भिंडी, टिंडा, तोरई, कद्दू, करेला, खीरा, लौकी, ग्वार फली, चौला फली और घीया के अलावा नाशपाती, जामुन, आम, लीची और अनार सहित कई फसलें कवर होंगी। सभी किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर पोर्टल करवाना अनिवार्य है।
पंचायतों-निकायों में बीसी-बी को आरक्षण
पंचायती राज संस्थाओं तथा शहरी स्थानीय निकायों – नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं के चुनावों में सरकार ने बीसी-बी को पांच प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया था। बीसी-ए में शामिल जातियों को पहले ही आठ प्रतिशत आरक्षण दिया हुआ है।
बृहस्पतिवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में हरियाणा मंत्रिमंडल ने हरियाणा पंचायती राज (संशोधन) अध्यादेश-2024 को मंजूरी दी गई। बैठक में हरियाणा नगर निगम अधिनियम-1994 की धारा 6 और 11 तथा हरियाणा नगरपालिका अधिनियम-1973 की धारा 10 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की। संशोधन के तहत निकायों में चुनाव लड़ने के लिए पिछड़ा वर्ग ‘बी’ हेतु सीटों को आरक्षण मिल सकेगा।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का होगा अध्ययन
हरियाणा सरकार ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के नौकरियों में अनुसूचित जाति के आरक्षण में वर्गीकरण पर आए फैसले के आधार पर सभी आंकड़ों का अध्ययन करके अपनी सिफारिशें शीघ्र भेजने के लिए हरियाणा अनुसूचित आयोग को अनुरोध करने का निर्णय लिया है।
गरीब किसान का बेटा हूं, दर्द समझता हूं : नायब
मीडिया से बातचीत में नायब सैनी ने कहा, ‘जब से मैं प्रदेश का मुख्य सेवक बना, तब से लगातार किसानों के बीच जा रहा हूं। मैं भी गरीब किसान का बेटा हूं। मैं किसान के दर्द को समझता हूं। इस बार हरियाणा में बारिश कम हुई है। इसलिए फसलों की लागत और किसान की मेहनत ज्यादा बढ़ गई है। सरकार ने किसानों की समस्या को बारीकी से समझा और महसूस किया है। इसलिए सरकार ने किसानों को खरीफ के सीजन में पैदा होने वाली फसलों के साथ-साथ इसी सीजन में आने वाले फल, फूल और सब्जियों पर भी दो हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से बोनस देने का निर्णय लिया है।
कैबिनेट में लगी थी मुहर
तीन दिन पहले हुई कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने केंद्र की तर्ज पर 24 फसलों को एमएसपी पर खरीदने का निर्णय लिया था। इससे पहले राज्य में चौदह फसलों को एमएसपी पर खरीदा जा रहा है। यह कदम उठाने वाले हरियाणा, देश का पहला राज्य है। किसानों का 140 करोड़ के करीब का आबियाना शुल्क माफ किया जा चुका है। 2023 से पहले प्राकृतिक आपदा से फसलों को हुए नुकसान के 137 करोड़ जारी करने का निर्णय हो चुका है। सरकार यह भी फैसला कर चुकी है कि अब किसान ट्यूबेवल के लिए किसी भी कंपनी की थ्री-स्टार मोटर खरीद सकेंगे। 31 दिसंबर, 2023 तक आवेदन करने वाले सभी किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन जारी होंगे। साथ ही, ट्रांसफार्मर खराब होने पर उसे निगम अपने खर्चे पर बदलेगा।
अब पत्रकार पति-पत्नी दोनों ले सकेंगे पेंशन
हरियाणा के पत्रकारों के लिए बड़ा फैसला लेते हुए मंत्रिमंडल ने पेंशन से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद पत्रकारों को 15 हजार रुपये मासिक पेंशन मिलती है। परिवार में पति-पत्नी दोनों ही अगर पत्रकार हैं, तो वे अलग-अलग पेंशन के हकदार होंगे। पहले केवल एक को ही पेंशन के नियम थे। इसी तरह पत्रकार पर आपराधिक केस दर्ज होने पर पेंशन बंद करने के नियमों को भी कैबिनेट ने वापस ले लिया है।