कुमार मुकेश/हप्र
हिसार, 9 अगस्त
सरकारी बाबू एक छोटे से गैर जरूरी नियम को लागू करवाने के लिए आम जनता को कई माह तक कार्यालय के चक्कर लगवाते हैं, लेकिन जब बात भ्रष्ट तरीकों से कार्य करने की आती है तो बड़े से बड़े नियम कानून कायदे ताक पर रख दिए जाते हैं। हांसी एसडीएम कार्यालय ने एक ऐसे युवक का ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर दिया जो उस समय विदेश में रहता था।
शिकायत के बाद हांसी एसडीएम कार्यालय ने अपनी गलती मान ली और दो साल पर ड्राइविंग लाइसेंस को रद्द कर दिया गया, लेकिन इसके जिम्मेदार कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई की, इस बारे में प्रशासन अभी मौन है।
फर्जी तरीके से किया काम : दरअसल ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए सरकार ने एक पूरी प्रक्रिया बनाई हुई है जिसके तहत प्रार्थी को ना सिर्फ रेड क्रॉस से फर्स्ट एड का प्रशिक्षण लेना होता है बल्कि अपना मेडिकल टेस्ट और जिस वाहन को चलाने का लाइसेंस मांगा जा रहा है, उस वाहन को चलाने का भी टेस्ट देना होता है। लेकिन इस मामले में सारे काम फर्जी तरीके से कर दिए गए। इस बारे में जींद निवासी एडवोकेट वीरेंद्र जांगड़ा ने हिसार उपायुक्त को गत 21 मार्च, 2024 को शिकायत दी थी। वीरेंद्र जांगड़ा के अनुसार हांसी के खजाना विभाग में सुरेंद्र कुमार नामक व्यक्ति सहायक के पद पर कार्यरत है और ख्खजाना कार्यालय के समीप एसडीएम कार्यालय होने के कारण उसकी एसडीएम कार्यालय के कर्मचारियों से जान पहचान है। उसने एसडीएम कार्यालय के कर्मचारियों से मिलीभगत करके करीब दो वर्ष पूर्व अपने बेटे का फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लिया। उन्होंने बताया कि जिस दिन सुरेंद्र कुमार के बेट का हांसी एसडीएम कार्यालय में लाइसेंस बना, उस दिन वह विदेश में था। सभी नियमों को दरकिनार करते हुए सुरेंद्र कुमार ने हांसी एसडीएम कार्यालय के कर्मचारियों से मिलीभगत करते अपने बेटे का ड्राइविंग लाइसेंस बनवा दिया जबकि जब ड्राइविंग लाइसेंस बना, वह विदेश में था। एडवोकेट वीरेंद्र ने बताया कि हाल ही में उनको हांसी एसडीएम कार्यालय से पत्र मिला है जिसमें कहा गया है कि उनकी शिकायत की जांच करवाई और जांच के बाद बांडाहेड़ी गांव निवासी सुरेंद्र के पुत्र प्रवीण कुमार का ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।
जिम्मेदार कर्मचारियों पर लिया जायेगा एक्शन : दहिया
उपायुक्त प्रदीप दहिया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यदि लाइसेंस गलत तरीके से बनाया हुआ मिला है तो इसके लिए जिम्मेदार कर्मचारियों की पहचान के लिए जांच करवाई जाएगी और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।