अम्बाला शहर, 10 अगस्त (हप्र)
ऐतिहासिक गांव लखनौर साहिब में माता गुजरी के नाम पर बन रहा वीएलडीए मेडिकल कॉलेज अपनी व्यथा पर आंसू बहा रहा है। भाजपा सरकार ने इस कॉलेज को बनाने के लिए बड़े बड़े दावे किए थे लेकिन ये दावे मिट्टी में मिल गए हैं। कांग्रेस के प्रदेश डेलीगेट रोहित जैन के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने आज कॉलेज परिसर का अवलोकन करने के बाद बताया कि कॉलेज का निर्माणधीन भवन जर्जर हो गया है। इसके चारों ओर घनी झाड़ियां व घास उग चुकी है। शाम होते ही यह भवन नशेड़ियों का अड्डा बन जाता है। उन्होंने इस बात पर बेहद दुख जताया कि सत्ता में आने से पहले माता गुजरी के नाम पर सिखों की वोट लेने वाली भाजपा सरकार जानबूझ कर माता गुजरी के नाम पर बनने वाले इस वीएलडीए कॉलेज को भूल गई है। इस लापरवाही के लिए जैन ने स्थानीय विधायक असीम गोयल को भी सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने बताया कि 1968 में सिख इतिहास से जुड़े गांव लखनौर साहिब में पटियाला के तत्कालीन राजा ने गुरु गोबिंद सिंह के नाम पर कॉलेज का नींव पत्थर रखा था लेकिन 2014 में सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार ने यहां माता गुजरी के नाम पर वीएलडीए मेडिकल कॉलेज बनाने का ऐलान किया। बाकायदा ग्राम पंचायत लखनौर साहिब की ओर से प्रस्ताव पारित कर कॉलेज के निर्माण के लिए करीब 15 एकड़ जमीन दी गई जिसकी मार्केट वैल्यू करीब 20 करोड़ रुपए है। राज्य सरकार की ओर से वीएलडीए कॉलेज के निर्माण के लिए शुरुआत में 35 करोड़ का फंड भी मंजूर किया गया था। कांग्रेस नेता रोहित जैन का आरोप है की कॉलेज के नाम पर यहा केवल एक जर्जर भवन खड़ा है। न तो सरकार ने इस कॉलेज की सुध ली न ही परिवहन राज्य मंत्री असीम गोयल ने सिखों की भावनाओं पर गौर किया। वह मामला कोर्ट में होने की वजह बताकर ग्रामीणों को कॉलेज निर्माण लटकने की बात कह कर गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है की कॉलेज निर्माण का मामला 2022 मे कोर्ट पहुंचा था।
इस मौके पर तरुण चुघ, सुरजीत पंजोखरा, कुलदीप सिंह गुल्लू, दवींद्र बजाज आदि मौजूद थे।