ज्ञान ठाकुर/हप्र
शिमला, 10 अगस्त
हिमाचल प्रदेश में मानसून अब लाेगाें पर कहर बन कर टूट रहा है। भारी बारिश के कारण प्रदेश में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बीती रात प्रदेश के तीन जिलाें सिरमाैर, कांगड़ा, शिमला में मानूसन जम कर बरसा। इससे जिला सिरमौर में एनएच 707 पर पहाड़ी खिसकने के कारण यातायात बंद हो गया है। इस घटना में कई वाहन फंस गए हैं और सैकड़ों लोग प्रभावित हुए हैं। प्रदेश में भारी वर्षा के कारण 153 सड़कें बन्द हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, सिरमौर में 42, कुल्लू में 37, मंडी में 29, शिमला में 17, कांगड़ा में पांच, किन्नौर में चार, लाहौल और स्पीति जिले में एक सड़क बंद हैं।
बीते 24 घंटों के दौरान नाहन में सबसे ज्यादा 198.3 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। इसके अलावा संधोल में 106.4 मिमी, नगरोटा सूरियां में 93.2 मिमी, धौलाकुआं में 67 मिमी, जुब्बड़हट्टी में 62.2 मिमी और कंडाघाट में 45.6 मिमी बारिश हुई। इससे जनजीवन बुरी तरह अस्त व्यस्त हाे गया। भारी बारिश के कारण मलबा लाेगाें के घराें और दुकानाें में घूस गया। सड़काें और डंगाें के ढह जाने से लाेगाें काे परेशानियाें का सामना करना पड़ रहा है।
प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर के निगुलसरी में पहाड़ी में लगातार भूस्खलन हो रहा है जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है। यहां पर लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण सफर भी जानलेवा बना है। देश की सुरक्षा दृष्टि से अहम जिला किन्नौर को जोड़ने वाली एनएच-5 निगुलसरी के करीब 17 घंटे से बंद है। ऐसे में किन्नौर, काजा-स्पीति तथा शिमला की ओर जाने वाले हजारों लोगों को आवाजाही बन्द है। पहाड़ी से लगातार चट्टानें गिरने से एनएच को बहाल करना चुनौती बना हुआ है। गुरुवार रात करीब 8 बजे से निगुलसरी में यातायात बंद है। शुक्रवार को भी पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थरों के गिरने का क्रम जारी रहा जिस कारण मार्ग को बहाल करने में दिक्कतें पेश आयीं। करीब 4 बजे बाधित एचएच को बहाल किया गया, लेकिन शाम 6 बजे से एनएच एक बार फिर से बंद हो गया। गौरतलब है कि हर बरसात में निगुलसारी में पहाड़ी से भूस्खलन की घटनाएं पेश आती है जिससे बड़ी घटना के घटित हाेने का अंदेशा बना रहता है। इस बीच प्रदेश के तीन जिलाें में अच्छी बारिश के बावजूद प्रदेश में मॉनसून सामान्य से 24 फीसदी कम बरसा है। बारिश से जुड़ी घटनाओं में प्रदेश में अब तक 100 से अधिक लोग मारे गए हैं और 27 जून से 9 अगस्त के बीच राज्य को करीब 842 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
भारी वर्षा का दौर जारी
प्रदेश के ऑरेंज अलर्ट की चेतावनी के बीच राज्य के कई क्षेत्रों भारी बारिश हुई। सिरमाैर, कांगड़ा और हमीरपुर जिला में तड़के सुबह साढ़े चार बजे से ही भारी बारिश जारी है। कांगड़ा बस अड्डा पानी के तालाब में तब्दील हो गया है। यहां बारिश का पानी कई घरों और दुकानों में घुस गया है। जानकारी के अनुसार कांगड़ा के नगर पालिका मैदान मे 100 साल पुराना बरगद का बड़ा पेड़ जड़ से उखड़ गया। गनीमत रही की कोई उसकी चपेट में नहीं आया। सुबह साढ़े चार बजे से क्षेत्र मे तेज बारिश जारी है। क्षेत्र में कई संपर्क मार्ग इससे वाहनों के लिए बंद हो गए हैं। शिमला में सुबह के वक्त दो-ढाई घंटे भारी बारिश हुई। दिन के समय शिमला, सुंदरनगर, बिलासपुर सहित कई क्षेत्राें में बारिश हुई। आज प्रदेश में 7.4 मिमी बारिश हुई है। पहली अगस्त से अब तक 101.8 मिमी बारिश हाे चुकी है जाे सामन्य से 3 प्रतिशत ज्यादा है। इससे तामपान में भी एक से दाे डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई।
बाढ़ और भारी बारिश का अलर्ट
प्रदेश में अगले सप्ताह मानसून पूरी तरह से सक्रिय रहेगा। इस बीच ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। माैसम विभाग ने शिमला, सिरमौर, मंडी और कुल्लू में अचानक बाढ़ आने का अलर्ट भी जारी किया है। इसे देखते हुए सरकार ने लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी है। भूस्खलन और बाढ़ से हालात और खराब हो सकते हैं इसे देखते हुए लोगों काे जरुरी एहतियात बरतने की सलाह दी है। लाहौल और स्पीति पुलिस ने निवासियों और यात्रियों को अत्यधिक सावधानी बरतने और जाहलमान नाले को पार न करने की सलाह जारी की है, जहां जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है।