मंडी, 11 अगस्त (निस)
जालंधर-हमीरपुर-कोटली-मंडी-मनाली-लेह राष्ट्रीय मार्ग 3 पर मंडी शहर के नगर निगम वार्ड 5 रामनगर, 6 सन्यारडी व 7 तल्याहड़ से होकर गुजर रही सड़क जहां नाले का रूप ले चुकी है वहीं इस सड़क के लिए हुई कटिंग से कई गरीबों के मकान भी जमींदोज होने की स्थिति में आ गए हैं। हैरानी यह है कि कई-कई फुट ऊंचाई तक कटिंग तो यहां पर निर्माण कर रही कंपनियों ने कर दी मगर इसकी जद में आये मकानों को बचाने या भूस्खलन को रोकने के लिए डंगे आदि लगाना भूल गए। अब नतीजा यह है कि जिन लोगों के मकान अधिग्रहण की गई जमीन के बाहर हैं, जिन्हें कोई मुआवजा भी नहीं मिला है, वे अपने आशियानों के जमींदोज हो जाने के डर से घरों से बाहर रिश्तेदारों के यहां जाकर रातें काट रहे हैं।
इसी तरह का हाल मंडी शहर से ही जुड़े सन्यारड़ी में है, जहां इस ऊंची कटिंग के कारण लगातार हो रहे भूस्खलन की चपेट में गरीब लछमण पुत्र मोहन का मकान भी आ गया है। भूस्खलन मकान के मुहाने तक पहुंच गया है और कभी भी मकान मलबे में बदल सकता है। डर के मारे लछमण मकान में ताले जड़कर सन्यारडी में ही अपने रिश्तेदारों के पास, जहां उसका पुराना घर था, चला गया है। हैरानी की बात यह है कि इस निर्माण के चलते केहनवाल चौक रामनगर मंडी से लेकर तल्याड़ तक सारी सड़क नाला बन गई है। जगह-जगह गंदे पानी के तालाब खड़े हैं। सब कुछ प्रशासन की नजर में है क्योंकि यह शहर का ही हिस्सा है जहां तमाम बड़े नौकरशाह व टेक्नोक्रेट बैठते हैं। मगर किसी की हिम्मत नहीं कि वे निर्माण कर रहे विभाग, कंपनी या ठेकेदार पर नकेल कस सके। इस मार्ग पर वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं है। लोगों का पैदल चलना मुश्किल हो गया है। लोग चीख रहे हैं मगर कोई सुनने वाला नहीं है।
पार्षद रामनगर योग राज व पार्षद सन्यारड़ी वीरेेंद्र आर्य व पार्षद तल्याहड़ सुदेश सेन कई बार मामला प्रशासन से लिखित व मौखिक तौर पर उठा चुके हैं मगर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। लोगों में गुस्सा है जो कभी भी फूट सकता है। लोगों का कहना है कि इससे पहले कि उन्हें अपनी परेशानी को लेकर मार्ग बाधित करना पड़े, इस मार्ग को दुरुस्त किया जाए व मकानों को हो रहे खतरे से निजात दिलाई जाए।