नयी दिल्ली, 12 अगस्त : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कथित आबकारी नीति घोटाले से उपजे भ्रष्टाचार मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखने के हाईकोर्ट के फैसले को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को उचित करार देते हुए पांच अगस्त को इसे बरकरार रखा था। अदालत ने कहा था कि सीबीआई की कार्रवाई दुर्भावना से प्रेरित नहीं है और उसने साबित किया है कि ‘आप’ सुप्रीमो कैसे उन गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, जो उनकी गिरफ्तारी के बाद ही गवाही देने की हिम्मत जुटा सके। मामले से जुड़े एक वकील ने सोमवार को बताया कि मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए उन्हें नियमित जमानत के लिए पहले निचली अदालत का रुख करने को कहा था। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। सुनवाई अदालत ने इस मामले में उन्हें 20 जून को जमानत दे दी थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने सुनवाई अदालत के फैसले पर रोक लगा दी थी। इसके बाद, 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को धन शोधन मामले में अंतरिम जमानत दे दी। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अगस्त 2022 में आबकारी नीति के निर्माण एवं कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद इसे रद्द कर दिया गया था। सीबीआई और ईडी का आरोप है कि आबकारी नीति में संशोधन में अनियमितताएं बरती गईं और लाइसेंस धारियों को अवैध लाभ पहुंचाया गया। (भाषा)