नयी दिल्ली, 12 अगस्त (एजेंसी)
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर देश में बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस ने भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी बुच के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को लेकर सोमवार को उनके इस्तीफे की मांग की और सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वह इस मामले की जांच सीबीआई या एसआईटी को सौंपे। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने अडाणी मामले में सेबी के समझौता करने की आशंका जताई और यह मांग दोहराई कि एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन होना चाहिए ताकि वह ‘मोदानी महा घोटाले’ की पूरी जांच कर सके क्योंकि यह मामला एक ‘नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री’ और एक ‘नॉन-बायोलॉजिकल कारोबारी’ से जुड़ा हुआ है।
वहीं, भाजपा ने सोमवार को सेबी की अध्यक्ष के खिलाफ हिंडनबर्ग के आरोपों की जेपीसी से जांच कराने की कांग्रेस की मांग को खारिज करते हुए कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था को कमजोर करने और देश में निवेश को नष्ट करने के लिए एक ढकोसला है। भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘कांग्रेस, उसके सहयोगियों और टूलकिट गिरोह में उसके सबसे करीबी सहयोगी ने भारत में आर्थिक अराजकता और अस्थिरता लाने के लिए एक साथ साजिश रची है।’
उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ‘फुस्स’ साबित हुई है। प्रसाद ने कहा कि छोटे निवेशकों ने बड़ी संख्या में अपना पैसा शेयर बाजार में लगाया है। उन्होंने आश्चर्य जताया कि कांग्रेस उन्हें नुकसान क्यों पहुंचाना चाहती है? उन्होंने दावा किया, ‘राहुल गांधी और उनके टूलकिट मित्रों की अगुवाई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से नफरत करते-करते कांग्रेस अब हिंदुस्तान से नफरत करने लगी है।’
अडाणी की 10 में से आठ कंपनियों के शेयर गिरे : हिंडनबर्ग की नयी रिपोर्ट के बीच अडाणी समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों में से आठ कंपनियों के शेयर सोमवार को गिरावट के साथ बंद हुए। इस गिरावट के बीच समूह की कंपनियों का बाजार मूल्यांकन सामूहिक रूप से 22,064 करोड़ रुपये घट गया।
‘सेबी चेयरपर्सन परामर्श संस्थाओं के ग्राहकों की जानकारी साझा करें’
हिंडनबर्ग रिसर्च ने दावा किया कि सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने अब सार्वजनिक रूप से बरमूडा/मॉरीशस फंड संरचना में अपने निवेश की पुष्टि की है। हिंडनबर्ग ने कहा कि उन्हें अपने सभी परामर्श ग्राहकों के बारे में स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए, जिनके साथ उनकी सिंगापुर और भारतीय परामर्श कंपनियों ने काम किया है। हिंडनबर्ग ने ‘एक्स’ पर कई पोस्ट किए और कहा कि दंपति के बयान में कई महत्वपूर्ण बातों को स्वीकार किया गया और इससे कई महत्वपूर्ण प्रश्न भी खड़े होते हैं। कंपनी ने कहा, ‘बुच के जवाब से अब सार्वजनिक रूप से बरमूडा/मॉरीशस के एक अस्पष्ट कोष में उनके निवेश की पुष्टि हो गई है, साथ ही विनोद अडाणी द्वारा कथित रूप से गबन किया गया पैसा भी। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि कोष उनके पति के बचपन के दोस्त द्वारा चलाया जाता था, जो उस समय अडाणी के निदेशक थे।’