चंडीगढ़, 12 अगस्त (ट्रिन्यू)
पश्चिम बंगाल में डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के विरोध में पीजीआई के रेजिडेंट डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मांग है कि इस मामले की सीबीआई से जांच कराकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाए।
साथ ही पूरे देश में रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर एक सख्त कानून बनाया जाए। जिससे आने वाले समय में इस तरह की कोई घटना की संभावना न रहे। प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने ओपीडी, वार्ड, ऑपरेशन थिएटर जैसे सभी काम बंद कर दिए हैं। आज डॉक्टर की तरफ से पूरे देश में इस तरह की हड़ताल की गई। हड़ताल को लेकर पीजीआई प्रशासन ने भी कमर कस ली है। निदेशक प्रो. विवेक लाल ने कहा कि हम स्थिति की गंभीरता और हमारे निवासियों द्वारा उठाई गई चिंताओं को समझते हैं। हम राष्ट्रव्यापी आंदोलन के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं कि रोगी देखभाल हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहे। पीजीआई के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. विपिन कौशल ने बताया कि हड़ताल के मद्देनजर हमने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों को जुटाया है कि पीजीआई में रोगी सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। आपातकालीन ऑपरेशन थियेटर सेवाओं और गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) सेवाओं सहित आपातकालीन सेवाएं हमेशा की तरह जारी रहेंगी। प्रो. कौशल ने बताया कि आउटपेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) सेवाओं में कटौती की जाएगी। संबंधित विभागों में सुबह 8 से 9.30 बजे तक केवल फॉलोअप (पुराने) रोगियों का पंजीकरण किया जाएगा।
इनडोर प्रवेश केवल आपातकालीन मामलों तक ही सीमित रहेंगे। पीजीआई इस चुनौतीपूर्ण अवधि के दौरान रोगी देखभाल और सेवा वितरण के उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए समर्पित है और सभी हितधारकों के सहयोग की सराहना करता है।