शिमला, 13 अगस्त (हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला के बालूगंज क्षेत्र में ‘पशु पड़ाव’ नाम से जानी जाने वाली संपत्ति को कब्जामुक्त करने के आदेशों को सही ठहराया है। हाई कोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ याचिकाकर्ता ऊषा शर्मा की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि नगर निगम शिमला के आयुक्त और मंडलायुक्त शिमला द्वारा पारित बेदखली आदेशों में किसी दखल की जरूरत नहीं है। प्रार्थी ने याचिका में आरोप लगाया था कि नगर निगम शिमला ने उसे गलत तरीके से बेदखल किया है। नगर निगम की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि उन्हें प्रार्थी द्वारा उक्त सरकारी संपत्ति ‘पशु पड़ाव’ पर अवैध कब्जा किए जाने की शिकायतें मिली थी। निगम ने प्रार्थी के खिलाफ बेदखली की कार्रवाई की और 21 फरवरी 2023 को बेदखली आदेश पारित किए। इन आदेशों को प्रार्थी ने मंडलायुक्त शिमला के पास अपील के माध्यम से चुनौती दी। अपील के साथ बेदखली आदेशों को स्थगन किए जाने के लिए आवेदन भी किया गया। मंडलायुक्त शिमला ने बेदखली आदेशों पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।