संगरुर, 13 अगस्त (निस)
वेतन न मिलने पर पिछले कई दिनों से हड़ताल पर बैठे सीवरमैनों ने शाम पांच बजे वाटर सप्लाई एवं सीवरेज बोर्ड कार्यालय को चारों तरफ से घेर कर दोनों गेट बंद कर दिए और लेकिन महिला कर्मचारियों को बाहर जाने दिया। दफ्तर में हाजिर एक्सईएन, एसडीओ और निजी कंपनी के अधिकारियों समेत 15 कर्मचारियों अंदर बंद कर दिया जो करीब पांच घंटे बाद देर रात बाहर निकाले गए। इस दौरान सीवरमैनों ने कार्यालय का बिजली कनेक्शन भी काट दिया था। हड़ताल के चौथे दिन सोमवार को संगरूर और धूरी के सीवरमैनों ने सीवरेज एवं वाटर सप्लाई कार्यालय के सामने धरना दिया। शाम करीब साढ़े चार बजे यूनियन सदस्यों ने विभाग के अधिकारियों व निजी कंपनी के अधिकारियों के साथ बैठक की जो आधा घंटे तक चली बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला तो सीवरमैनों ने दोनों गेटों पर ताला लगा दिया और कार्यालय को चारों तरफ से घेर लिया। सीवरमैनों की हड़ताल के कारण शहर में सीवरेज व्यवस्था खराब होती जा रही है। सीवरकर्मियों का दावा है कि पिछले चार दिनों में 45 स्थानों पर सीवर जाम हो गए हैं। इस मौके पर मेला सिंह पुन्नावाल, चमकौर महलां और हरदीप कुमार ने कहा कि सीवरमैनों को अपना वेतन लेने के लिए हर बार हड़ताल करनी पड़ रही है। 8 हजार सैलरी के बावजूद 10-10 घंटे काम लिया जा रहा है। स्थिति यह है कि कोरोना काल का बकाया चार साल बाद भी नहीं जारी नहीं किया गया है। कई बार बकाया जारी करने और हर महीने की 7 तारीख तक वेतन देने का वादा किया गया, लेकिन वादा कभी पूरा नहीं हुआ।