शिमला, 13 अगस्त (हप्र)
हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार प्राकृतिक खेती क्लस्टरों में देसी गायों और भैंसों की खरीद के लिए किसानों को वित्तीय सहायता बढ़ाएगी। सरकार ने यह निर्णय इस लिए किया है ताकि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जा सके। साथ ही राज्य की जलवायु डेरी क्षेत्र के लिए सबसे अनुकूल है और इसका लाभ उठाकर किसानों की आय में व्यापक बढ़ोतरी की जा सकती है जिससे उनकी आर्थिकी मजबूत होगी। ये बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंगब सुक्खू ने आज शिमला में कृषि विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास कर रही है। भैंस और गाय के दूध का खरीद मूल्य बढ़ाकर 55 और 45 रुपये किया गया है। उन्होंने कहा कि पशुपालन और प्राकृतिक खेती दोनों ही संबद्ध गतिविधियां हैं। उन्होंने प्राकृतिक खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन और मधुमक्खी पालन को एकीकृत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने जाइका और मिल्कफेड के कामकाज की भी समीक्षा की और कार्य में डिजिटल पद्धति अपनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री योजनाओं राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से तैयार किए उत्पादों के विशिष्ट ट्रेडमार्क के तहत ब्रांडिंग की जाए ताकि किसानों को उनकी उपज के बेहतर दाम मिल सकें। उन्होंने उत्पादों के प्रमाणीकरण के लिए व्यापक तंत्र विकसित करने और राज्य में मिट्टी की जांच के लिए विशेष लैब स्थापित करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बढ़ रहे कैंसर के मामलों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने किसानों से रसायन मुक्त खेती की पद्धति अपनाने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कृषि विभाग में युक्तिकरण के निर्देश देते हुए कहा कि स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए विभाग में खाली पदों को तुरंत भरा जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 70 फीसदी आबादी खेतीबाड़ी से जुड़ी हुई है और सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की आय बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है।