गुरुग्राम, 13 अगस्त (हप्र)
करीब 5 महीने से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे नूंह जिले के 9 गांव के किसान अल्टीमेटम के मुताबिक मंगलवार को एचएसआईआईडीसी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। अल्टीमेटम को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। इस दौरान डीएसपी सुरेंद्र सिंह कीन्हा दलबल के साथ मौके पर डटे रहे। नौ गांवों के किसानों ने पहले तो भारतीय किसान यूनियन के युवा प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद एवं किसान नेता सतेंद्र लोहचब की अगवाई में बैठक की और उसके बाद एचएसआईआईडीसी के कार्यालय की तरफ रुख किया। किसानों ने जमकर नारेबाजी करते हुए अपना विरोध जताया।
किसानों के विरोध को देखते हुए एसडीएम नूंह विशाल कुमार घटनास्थल पर पहुंचे और कई घंटे की बातचीत के बाद यह तय हुआ कि आगामी 23 अगस्त को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ किसानों के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात करवाई जाएगी। इसके बाद किसान कुछ हद तक राजी हो गए और अपने घरों की तरफ लौट गए।
भारतीय किसान यूनियन के युवा प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद का आरोप है कि आईएमटी रोजका मेव विकसित करने के लिए वर्ष 2010 में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में 9 गांवों की 1600 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था। इसकी एवज में किसानों को करीब 46 लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया गया था। उस समय किसानों से हलफनामा भी लिया गया था। उस हलफनामा में किसानों से उनके कानूनी अधिकार छीन लिए गए और फरीदाबाद जिले के मच्छगर गांव में इस समय उनसे कहीं अधिक मुआवजा वहां के किसानों को दिया गया। किसान वर्ष 2012 से लगातार कम मुआवजा मिलने की मांग को समय-समय पर उठाते रहे हैं और कई बार लंबा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन भी किसानों ने किया है।