चंडीगढ़, 14 अगस्त (ट्रिन्यू)
यूके सरकार ने उत्तराखंड सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत अगले तीन वर्षों के लिए राज्य में पांच पूरी तरह से वित्त पोषित स्कॉलरशिप प्रदान की जाएंगी। इस समझौते के अनुसार, प्रत्येक वर्ष पांच उत्तराखंड के छात्र चिवनिंग स्कॉलरशिप और फेलोशिप कार्यक्रम के तहत यूके में एक वर्षीय मास्टर डिग्री के लिए पूर्ण वित्तीय सहायता प्राप्त करेंगे।
‘चिवनिंग उत्तराखंड उच्च शिक्षा स्कॉलरशिप’ के लिए यह MoU बुधवार को देहरादून में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और ब्रिटिश उप उच्चायुक्त, चंडीगढ़, कैरोलिन रोवेट की उपस्थिति में हस्ताक्षरित किया गया।
ब्रिटिश उप उच्चायुक्त, चंडीगढ़, कैरोलिन रोवेट ने कहा: “यूके अध्ययन के लिए एक उत्कृष्ट स्थान है, और मुझे खुशी है कि हमारी उत्तराखंड सरकार के साथ साझेदारी और अधिक युवाओं को इसका अनुभव करने का अवसर प्रदान करेगी। प्रत्येक वर्ष, उत्तराखंड के पांच छात्र यूके में मास्टर डिग्री करने का अवसर प्राप्त कर सकेंगे।
“हमारे चिवनिंग पूर्व छात्र भारत में साइबर, विज्ञान और नवाचार, नीति और विकास जैसे क्षेत्रों में सबसे उज्ज्वल हैं। वे वैश्विक चुनौतियों पर यूके और भारत के सहयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और हमारे देशों के बीच एक अनूठे जीवंत पुल का निर्माण करते हैं।”
बता दें, चिवनिंग यूके सरकार का प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय छात्रवृत्ति और फेलोशिप कार्यक्रम है। यह एक वर्षीय स्नातकोत्तर कोर्स के लिए पूरी तरह से वित्त पोषित छात्रवृत्ति (जिसमें ट्यूशन, यात्रा और जीवनयापन का खर्च शामिल है) प्रदान करता है। स्कॉलरशिप धारकों के लिए कोर्स पूरा करने के बाद अपने देश लौटना अनिवार्य है।
भारत में चिवनिंग कार्यक्रम दुनिया में सबसे बड़ा है, जिसने 1983 से अब तक 3,800 से अधिक विद्वानों और फेलो को लाभान्वित किया है। 40% से अधिक चिवनिंग स्कॉलर मेट्रो शहरों से बाहर के हैं, जो प्रथम पीढ़ी के शिक्षार्थी हैं और कम विशेषाधिकार प्राप्त समूहों से आते हैं। चिवनिंग स्कॉलरशिप 2025-26 के लिए आवेदन 5 नवंबर 2024 तक खुले हैं। विवरण के लिए और आवेदन करने के लिए, www.chevening.org/apply पर जाएं।