चंडीगढ़, 14 अगस्त (ट्रिन्यू)
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदान केंद्रों की संख्या में बढ़ोतरी की है। 2019 के चुनावों में राज्य में 19 हजार 812 मतदान केंद्र बनाए गए थे। इस बार इनकी संख्या 20 हजार 629 होगी। आयोग ने 817 नये मतदान केंद्र स्थापित किए हैं। गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित उन शहरों में सोसायटियों में ही मतदान केंद्र स्थापित होंगे, जहां मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग हैं।
विधानसभा चुनावों में 150 मॉडल पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इसी तरह से 125 मतदान केंद्र ऐसे होंगे, जिनकी कमान पूरी तरह से महिलाओं के हाथों में होगी। यानी इन मतदान केंद्रों पर केवल महिला कर्मचारियों की ही ड्यूटी होगी। सुरक्षा के लिए भी महिला पुलिस बल को तैनात किया जाएगा। इसी तरह से 92 मतदान केंद्रों की कमान दिव्यांगों के हाथों में होगी। 116 मतदान केंद्र पूरी तरह से युवाओं के कंट्रोल में होंगे।
आयोग द्वारा 7 हजार 132 मतदान केंद्र शहरी और 13 हजार 497 ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किए जाएंगे। इन मतदान केंद्रों को कुल 10 हजार 495 जगहों पर स्थापित किया जाएगा। यानी एक ही कैम्पस में दो से तीन मतदान केंद्र भी होंगे। प्रत्येक मतदान केंद्र पर औसतन 977 मतदाताओं पर होगा। 1000 से अधिक वोटर होने पर अलग से मतदान केंद्र बनाने के नियम हैं।
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने कहा कि आयोग के निर्देशों के तहत 50 प्रतिशत मतदान केंद्रों की वेब-कॉस्टिंग होगी। साथ ही, उन्होंने कहा कि अगर किसी तरह की तकनीकी दिक्कत नहीं आई तो हरियाणा के 100 प्रतिशत मतदान केंद्रों की वेब-कॉस्टिंग करवाने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वेब-कॉस्टिंग के लिए सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को फिजिब्लिटी चैक करवाने को कहा है।
नकदी, शराब और ड्रग्स पर नज़र : मुख्य चुनाव आयोग राजीव कुमार व दोनों चुनाव आयुक्तों ने केंद्र व हरियाणा की विभिन्न एजेंसियों के साथ भी अलग से बैठक की। इस बैठक में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद अवैध नकदी, अवैध शराब, ड्रग्स व दूसरे नशीले पदार्थों पर पैनी नज़र रखने को कहा गया। इसके लिए कई विभाग और एजेंसियां मिलकर काम करेंगी। अंतरराज्यीय सीमाओं पर नाके लगेंगे और वीडियोग्राफी के साथ चैकिंग होगी। बैठक में डीआरआई, एनसीबी, स्टेट व सेंट्रल जीएसटी, आरपीएफ, आरबीआई, पुलिस, इन्कम टैक्स, इंफोरसमेंट निदेशालय सहित कई विभाग व एजेंसियों के अधिकारी मौजूद रहे। संवेदनशील चैक पोस्ट पर 24 घंटे निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने को कहा है।
पोलिंग टीमों की मिलेगी एडवांस सूचना : पोलिंग टीम जब मतदाताओं के घर का दौरा करेंगी तो इसकी एडवांस सूचना राजनीतिक दलों को दी जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में आई प्रतिनिधिमंडल में चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार व डॉ. एसएस संधू भी मौजूद रहे। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल के साथ चुनावी तैयारियों को लेकर की गई समीक्षा बैठक में सभी मंडलों के आयुक्त, रेंज के आईजी, पुलिस आयुक्त, जिला निर्वाचन अधिकारी व पुलिस अधीक्षक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जुड़े। जिलों के अधिकारियों ने चुनाव आयोग को ग्राउंड पर की गई तैयारियों को लेकर विस्तृत रिपोर्ट दी।
10 हजार वोटर 100 पार
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 1 लाख से अधिक है। इनमें 1 करोड़ 6 लाख पुरुष और 95 लाख महिला मतदाता शामिल हैं। राज्य में 100 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या 10 हजार है। इसी तरह 4 लाख 52 हजार ऐसे वोटर हैं, जो पहली बार मतदान करेंगे। इनकी उम्र 18 से 19 वर्ष के बीच है। 85 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों की संख्या 2 लाख 55 हजार है। 1 लाख 50 हजार के लगभग दिव्यांग मतदाता हैं। प्रदेश में ट्रांसजेंडर वोटर 459 हैं। वहीं 1 लाख 10 हजार सर्विस वोटर हैं।
राजनीतिक दलों के लिए ‘सुविधा’
आयोग ने चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों के कार्यक्रमों, बैठकों, रैलियों, जनसभाओं व रोड-शो आदि की परमिशन के लिए ‘सुविधा’ नामक एप शुरू की है। इस एप पर सभी दलों के लोग ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
बुजुर्ग-दिव्यांग घर से डाल सकेंगे वोट
हरियाणा की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर तक है। यानी इससे पहले राज्य में नई सरकार का गठन होना है। आयोग ने कहा कि हरियाणा के विधानसभा चुनावों में पहली बार 85 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों तथा 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगों को घर से ही मतदान करने की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए आयोग की टीमें घर-घर जाकर ऐसे लोगों से फार्म-12डी भरवाएगी। घर से ही मतदान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में होगी। इसकी वीडियोग्राफी भी करवाई जाएगी।
27 को फाइनल वोटर लिस्ट
हरियाणा निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूचियों के संशोधन का कार्यक्रम शुरू किया हुआ है। पहली जुलाई, 2024 को क्वालीफाइंग डेट मानते हुए वोटर लिस्ट बनाई जा रही हैं। मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन 27 अगस्त को होगा। इससे पहले राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के अलावा आम लोग भी मतदाता सूचियों पर अपने सुझाव एवं आपत्तियां दर्ज करवा सकेंगे।