ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 14 अगस्त
हरियाणा में राज्यसभा की एक सीट पर उपचुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो गई। पहले दिन कोई आवेदन जमा नहीं हुआ। अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने अपने प्रत्याशी का फैसला नहीं किया है।
नामांकन-पत्र 21 अगस्त तक जमा हो सकेंगे। इनकी जांच 22 अगस्त को होगी और 27 अगस्त को नामांकन वापसी की आखिरी तारीख है। अगर जरूरी हुआ तो 3 सिंतबर को मतदान होगा।
हरियाणा में उपचुनाव के लिए मतदान की नौबत आने की कम ही गुंजाइश है। सत्तारूढ़ भाजपा के मुकाबले कांग्रेस के पास उपचुनाव के लिए पर्याप्त संख्याबल नहीं है। नब्बे सदस्यों वाली विधानसभा में वर्तमान में 87 विधायक हैं। रानियां से निर्दलीय विधायक रहे रणजीत सिंह इस्तीफा दे चुके हैं।
मुलाना से कांग्रेस विधायक रहे वरुण चौधरी ने अम्बाला संसदीय सीट से चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया था। वहीं बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद के निधन के बाद से यह सीट भी रिक्त है। तोशाम से कांग्रेस विधायक किरण चौधरी भाजपा में शामिल हो चुकी हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक विधानसभा की सदस्यता नहीं छोड़ी है। तकनीकी रूप से और विधानसभा रिकाॅर्ड के हिसाब से वे कांग्रेस की ही विधायक हैं।
भाजपा के पास खुद के 41 विधायक हैं। जजपा के दो विधायकों– रामनिवास सुरजाखेड़ा व जोगीराम सिहाग का सरकार को खुला समर्थन है। सिरसा से हलोपा विधायक गोपाल कांडा व पृथला से निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत सरकार को समर्थन दे रहे हैं। ऐसे में भाजपा के पास 45 विधायकों का आंकड़ा है। राज्यसभा में वोटिंग की नौबत आई तो किरण चौधरी भी भाजपा के साथ ही होंगी। वहीं, कांग्रेस के पास खुद के 28 विधायक हैं। पर्याप्त संख्याबल नहीं होने की वजह से कांग्रेस पहले ही खुद को उपचुनाव से दूर कर
चुकी है।