विवेक शर्मा/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 14 अगस्त
सड़क हादसे में घायल हुई तीन साल की नन्ही परी कंचन इस दुनिया को अलविदा कह गई, लेकिन उसकी किडनी एक 26 वर्षीय महिला को जीवनदान दे गई। कंचन के पिता लालसिंह ने उसके सभी अंगों को दान करने की सहमति जताई। इसके बाद उसकी दोनों किडनियां पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती 26 वर्षीय महिला को लगाई गईं।
कैंबवाला की रहने वाली कंचन को 28 जुलाई को एक कार ने टक्कर मार दी थी। इसके बाद पिता लालसिंह ने सेक्टर-16 स्थित गर्वनमेंट मेडिकल स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल (जीएमएसएच-16) में भर्ती कराया। बाद में कंचन को पीजीआई रेफर कर दिया गया। लगभग 10 दिन की इलाज के बाद उसने दुनिया को अलविदा कह दिया। परिवार ने ब्रेनडेड हुई बच्ची के अंगदान का फैसला लिया। इसके बाद उसकी दोनों किडनियां ट्रांसप्लांट की गईं।
पीजीआई निदेशक प्रोफेसर विवेक लाल ने मासूम कंचन के परिवार का आभार जताया। कहा कि मासूम बच्ची के अंगदान का फैसला आशा और मानवता का प्रतीक है। इस नेक कार्य को हमेशा याद किया जाएगा। कंचन के पिता लाल सिंह ने कहा कि बेटी को कभी वह भूल नहीं सकते। यह उनके जीवन का सबसे कठिन अनुभव है, लेकिन यह जानकर अच्छा लग रहा है कि अंगदान से किसी को दूसरा जीवन मिला है।