चंडीगढ़, 14 अगस्त (ट्रिन्यू)
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन हिम्मत सिंह ने कहा आयोग द्वारा ग्रुप-56 और 57 के पदों के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन 17 व 18 अगस्त को किया जाएगा। उन्होंने बताया कि परीक्षा के लिए 6 जिलों-पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल व पानीपत में केंद्र बनाए गए हैं। लगभग 45 हजार अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। उन्होंने बताया कि आयोग का उद्देश्य है कि सभी भर्तियां पारदर्शिता एवं समानता के सिद्धांत पर हों।
हिम्मत सिंह ने बताया कि सभी 6 जिलों के पुलिस व जिला प्रशासन के नोडल अधिकारियों की बैठक 16 अगस्त को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पंचकूला के सेक्टर-2 स्थित कार्यालय में बुलाई गई है। 16 अगस्त को ही दोपहर 1 बजे परीक्षा केंद्रों के लिए नामित जिलों के अधिकारियों की बैठक जिला उपायुक्तों की अध्यक्षता में आयोजित की जाएगी। बैठक में हर जिले में आयोग का एक-एक सदस्य भी उपस्थित रहेगा।
उन्होंने बताया कि परीक्षा केंद्रों में प्रवेश के समय अभ्यार्थियों की स्क्रिनिंग होगी और बायोमैट्रिक से ही उनका प्रवेश होगा। साथ ही इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी करवाई जाएगी। उन्होंने अभ्यार्थियों से अपील की कि वे प्रवेश के समय मोबाइल फोन, इलेक्ट्राेनिक डिवाइस, हिडन कैमरा व अन्य उपकरण न लेकर आएं। महिला अभ्यर्थी कानों की बाली, नोज पिन व अन्य ज्वेलरी पहनकर न आएं।
उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य पुख्ता प्रबंधों के साथ नकल रहित परीक्षा का आयोजन करना है। परीक्षा के दौरान जो अभ्यर्थी अनुचित साधनों का प्रयोग करता मिलेगा तो उसके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज : हिम्मत सिंह
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन हिम्मत सिंह ने कहा कि सीईटी पास अभ्यर्थियों की शॉर्ट लिस्टिंग के संबंध में एसएलपी नंबर 18153 ऑफ 2024 एवं 18163 ऑफ 2024 के माध्यम से दी गई चुनौती को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि कर्मचारी चयन आयोग निष्पक्ष ढंग से भर्ती प्रक्रिया चलाते हुए सभी को समान अवसर प्रदान कर रहा है। मामले के अनुसार याचिकाकर्ता ने सीडब्लयूपी नंबर 18797 ऑफ 2024 द्वारा 5 मई 2022 की अधिसूचना के क्लॉज 9 को खारिज करने के लिए प्रार्थना की थी, जिसमें सीईटी पास अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए शॉर्टलिस्ट करने का तरीका बताया गया। याचिकाकर्ता द्वारा यह संज्ञान में लाया गया कि अधिसूचना के क्लॉज 9 के अनुसार शॉटलिस्टिंग की गई है जोकि असंवैधानिक है, क्योंकि यह शॉर्टलिस्टिंग पोस्टवाइज की गई है, जबकि यह ग्रुपवाइज की जानी चाहिए। हिम्मत सिंह ने बताया कि इस संबंध में आयोग द्वारा संज्ञान में लाया गया कि पहले विज्ञापन 3/2023 में ग्रुपवाइज शॉर्टलिस्टिंग की गई थी, जिसे भी पहले कुछ याचिकाकर्ताओं द्वारा सीडब्लयूपी नंबर 16536 ऑफ 2023 के माध्यम से चुनौती दी गई थी, जिसमें उन्होंने तर्क दिया था कि शॉर्टलिस्टिंग ग्रुपवाइज के बजाए पोस्टवाइज की जानी चाहिए। इस पर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने आयोग के निर्णय को सही करार दिया और डिवीजन बेंच ने इसे एलपीए नंबर 1037 ऑफ 2023 में 31 मई 2024 के पारित आदेश को बरकरार रखा।