शाहाबाद मारकंडा, 14 अगस्त (निस)
भारतीय किसान यूनियन चढूनी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश बैंस ने कहा कि परिवार पहचान पत्र में से किसान की फसल के जे.फार्म पर अंकित राशि को शुद्ध आमदनी मानना गलत है, इसे तुरंत हटाया जाए व सुधार किया जाए। अतिरिक्त मुख्य सचिव हरियाणा सरकार वी.उमांशकर को भेजे एक पत्र में कहा गया कि हरियाणा सरकार द्वारा नागरिकों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए परिवार पहचान पत्र योजना (पी.पी.पी.) लागू की हुई है। किसानों को भी ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर अपनी फसल की जानकारी दर्ज करने के लिए परिवार पहचान पत्र संख्या दर्ज करनी जरूरी होती है जिस कारण से किसान की फसल बिकने पर मिलने वाले जे. फार्म पर अंकित राशि को परिवार पहचान पत्र में किसान की आमदनी का आधार मान लिया गया है जो कि गलत है और न्याय संगत नहीं है। उन्होंने कहा कि यह आमदन किसान की शुद्ध आमदनी नहीं है। इसमें से किसान की फसल पर के.सी.सी. का ब्याज, मंडी खर्च व लेबर खर्च सहित उत्पादन पर आने वाली राशि इसी राशि में से देना होता है। परिवार पहचान पत्र में जे. फार्म की राशि के जुड़ने के कारण किसानों के परिवार बुढ़ापा पेंशन सहित अन्य राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रह रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि परिवार पहचान पत्र के इनकम वाले कॉलम से किसान के जे. फार्म की अंकित राशि को आमदनी मानने वाले कॉलम को तुरंत हटाया जाए।