जींद, 14 अगस्त (हप्र)
कालवन गांव की पुरानी झील के आरक्षित पक्षी अभ्यारण्य बनने का रास्ता देर से सही, साफ हो रहा है। इस सिलसिले में प्रदेश के वन्य प्राणी विभाग के पंचकूला स्थित मुख्यालय से प्रिंसिपल वाइल्ड लाइफ कंजरवेटर विनीत कुमार गर्ग और जींद में विभाग के इंस्पेक्टर मनबीर ने कालवन के महर्षि दयानंद सरस्वती प्रवासी पक्षी संरक्षण स्थल का दौरा किया।
जींद के कालवन गांव में 25 एकड़ से बड़ी दशकों पुरानी प्राकृतिक झील है। इस झील में साइबेरिया तक से सर्दी के दिनों में हजारों की संख्या में प्रवासी परिंदे आकर डेरा डालते हैं। इसके अलावा इस झील में साल भर दूसरे हजारों परिंदे स्थाई रूप से डेरा डाले रहते हैं। गांव की झील में बेजुबान परिंदे पूरी तरह से सुरक्षित हैं। कालवन गांव के लोग खुद परिंदों की शिकारी से हिफाजत करते हैं। इसके लिए गांव में हर तरह के शिकार पर सामाजिक पाबंदी लगाई गई है। यही वजह है कि जींद जिले के कालवन गांव में सबसे ज्यादा परिंदे वास करते हैं। इस गांव की तरफ आने वाले तमाम रास्तों और झील के पास परिंदे हैं, बेजुबान उनसे करो प्यार, जैसे नारे बोर्ड पर लिखकर लगाए गए हैं। इससे परिंदों के प्रति प्यार और उनकी हिफाजत का संदेश कालवन की तरफ जाने वाले तमाम लोगों को मिलता है।
कालवन गांव की प्राचीन झील को आरक्षित पक्षी अभ्यारण्य बनाने का रास्ता साफ हो रहा है। पिछले 2 साल से इस पर वन्य प्राणी विभाग गंभीरता से विचार कर रहा है। इस सिलसिले में प्रदेश के पीसीएफ विनीत गर्ग ने जींद में वन्य प्राणी विभाग के इंस्पेक्टर मनवीर सिंह के साथ कालवन की झील का दौरा किया।
दौरे में विनीत कुमार गर्ग ने कहा कि इस समय वह हरियाणा के उन सभी स्थानों का दौरा कर रहे हैं, जिन्हें जीव-जंतुओं के लिए आरक्षित कर उन्हें विकसित किया जाना है। कालवन के महर्षि दयानंद सरस्वती प्रवासी पक्षी संरक्षण स्थल को आरक्षित पक्षी अभ्यारण्य के रूप में अधिसूचित और विकसित करने की कागजी कार्रवाई चली हुई है। विशेषज्ञों के द्वारा यहां आने वाले पक्षियों और झील के पास के पेड़- पौधों की जानकारी जुटाई जा रही है। कालवन की यह झील बहुत ही आकर्षक है। गांव के लोगों ने इस प्राकृतिक धरोहर को बहुत अच्छे से सहेज कर रखा है।
गांव के लोगों ने की मोर की मांग
गांव की प्राचीन झील पर आए प्रदेश के पीसीसीएफ विनीत गर्ग से कालवन के लोगों ने दादा माकू वाली बणी के लिए राष्ट्रीय पक्षी मोर की मांग रखी। इस पर विनीत कुमार गर्ग ने कहा कि विभाग के पास नर मोर और मादा मोर उपलब्ध हैं । अगर ग्रामीण उनकी अच्छी देखभाल करने के लिए तैयार हों, तो विभाग कालवन गांव के लिए मोर और मोरनी दे देगा। गांव को विभाग की तरफ से मोर और मोरनी मिलने के बाद गांव की फिजा बादलों की गड़गड़ाहट के समय मोर की दिलकश आवाज से गूंजने लगेगी। मुख्यालय की टीम के कालवन के दौरे के समय पंचायत की ओर से सरपंच प्रतिनिधि बहादुर नैन, कुलदीप नैन, जैव विविधता समिति कालवन के चेयरमैन भरथराज और आर्य समाज कालवन के सदस्य उपस्थित रहे।