चंडीगढ़, 16 अगस्त (ट्रिन्यू)
हरियाणा के पूर्व मंत्री व उकलाना विधायक अनूप धानक ने भी चुनाव की घोषणा के साथ ही जननायक जनता पार्टी (जजपा) को झटका दे दिया है। जजपा सुप्रीमो डॉ़ अजय सिंह चौटाला और पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के नजदीकियों में शामिल अनूप धानक ने शुक्रवार को विधानसभा चुनावों की घोषणा के साथ ही पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। 2019 में जजपा के 10 विधायक चुनकर आए थे।
छह विधायक पहले से ही जजपा के प्रति बागी हो चुके थे। अब अनूप धानक भी उन्हीं की लाइन में आ गए हैं। अनूप धानक ने 2014 में इनेलो टिकट पर उकलाना से चुनाव जीता था। 2018 में दुष्यंत ने जब इनेलो से अलग होकर जजपा का गठन किया तो अनूप धानक जजपा के फाउंडर सदस्यों में शामिल रहे। 2019 में वे जजपा टिकट पर उकलाना से चुनाव जीते और दुष्यंत ने उन्हें जजपा कोटे से भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में अपने साथ ही राज्य मंत्री की शपथ दिलवाई।
अनूप धानक को बीच में बदलने की भी चर्चाएं चली लेकिन दुष्यंत चौटाला अपने स्टैंड पर कायब रहे। टोहाना से 50 हजार से भी अधिक मतों से जीत हासिल करने वाले जजपा विधायक देवेंद्र सिंह बबली को भी अनूप के साथ मंत्री बनने का सौभाग्य नहीं मिला। उन्हीं बहुत देर में मंत्री बनाया गया। देवेंद्र बबली ने लोकसभा चुनावों के दौरान सिरसा से कांग्रेस प्रत्याशी कुमारी सैलजा का समर्थन किया। वे कांग्रेस के संपर्क में बने हुए हैं।
वहीं बरवाला विधायक जोगीराम सिहाग व नरवाना विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा भाजपा के साथ संपर्क में हैं। दोनों विधायक लोकसभा चुनावों में खुलकर भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर चुके हैं और भाजपा के मंच भी कई बार साझा किए हैं। गुहला से जजपा विधायक ईश्वर सिंह ने भी पार्टी के खिलाफ बागी तेवर अपनाए हुए हैं। वे भी कांग्रेस के साथ संपर्क में बने हुए हैँ। उनकी गिनती पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा के नजदीकियों में होती है।