चंडीगढ़, 16 अगस्त (ट्रिन्यू)
मुख्यमंत्री नायब सैनी स्वतंत्र रूप से कुल 73 दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। अब उनका अगला कार्यकाल चुनाव आचार संहिता में ही व्यतीत होगा। भारतीय जनता पार्टी ने करीब साढ़े नौ साल तक राज करने के बाद बीती 12 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को बदलकर नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाया था। 13 मार्च को नायब सैनी ने विधानसभा में बहुमत हासिल किया।
16 मार्च को लोकसभा चुनाव का ऐलान हो गया है देशभर में आचार संहिता लग गई। आचार संहिता के दौरान ही 19 मार्च को नायब मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ और नए मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की। इसके बाद सभी मंत्री फील्ड में उतर गए। लोकसभा चुनाव के परिणाम चार जून को घोषित किए गए और छह जून को देशभर में आचार संहिता हटी। जिसके बाद नायब सैनी सरकार एक्शन मोड में आए। नायब सैनी ने अपने कार्यकाल के दौरान 300 के करीब छोटी-बड़ी घोषणाएं की और पूर्व मनोहर सरकार के कार्यकाल के दौरान लिए गए करीब एक दर्जन फैसलों को वापस भी लिया गया। नायब सैनी की घोषणाओं की खास बात यह रही कि उन्होंने अपने अल्प कार्यकाल के दौरान घोषणा करने के बाद उसकी अधिसूचना जारी करवाने पर भी जोर दिया। सैनी को सही मायने में सात जून से 15 अगस्त तक का ही समय मिला जिसमें उन्होंने खुद को साबित किया। अब शुक्रवार को विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने के बाद अगले 45 दिन सैनी कार्यवाहक सीएम के रूप में काम करते रहेंगे लेकिन उनका यह कार्यकाल भी आचार संहिता में ही पूरा होगा।