हरिद्वार, 15 अगस्त (ट्रिन्यू)
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बृहस्पतिवार को पतंजलि योगपीठ व पतंजलि विश्वविद्यालय के अध्यक्ष स्वामी रामदेव तथा पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने ध्वजारोहण किया। दोनों ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी। राष्ट्रगीत वंदे मातरम से वातावरण देशभक्तिपूर्ण हो गया। समारोह के दौरान स्वामी रामदेव ने कहा, ‘आज शिक्षा, चिकित्सा, आर्थिक, सांस्कृतिक व वैचारिक के साथ ही रोग, नशा व वासनाओं से देश को आजादी दिलाने का संकल्प लिया गया।’ उन्होंने कहा कि मैकाले की शिक्षा पद्धति के कारण पढ़े-लिखे बेरोजगार लोगों की फौज तैयार हो रही है जो भविष्य में सामाजिक विद्रोह का कारण बन सकती है। हम पतंजलि गुरुकुलम्, आचार्यकुलम्, पतंजलि विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से ऐसी संस्कारमूलक शिक्षा के बीज इस देश में बोएंगे जिससे देश की नयी पीढ़ी को शिक्षा की स्वाधीनता मिले। उन्होंने मांग की कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं, उनके व्यवसायिक प्रतिष्ठनों तथा मंदिरों पर हमले तुरंत रोके जाएं। उन्होंने कहा कि नफरत फैलाने वाली, मजहबी उन्माद में डूबी ताकतों को सबक लेना चाहिए, नहीं तो उनका भी समूल नाश होगा। जातीय जनगणना के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि सड़कों से लेकर संसद तक जातीय, मजहबी उन्माद देश में पैदा करके कुछ लोग सत्ता पाने के सपने देख रहे हैं।
सीमाओं पर सैनिकों की शहादत के प्रश्न पर रामदेव ने कहा, ‘हमें ऐसे प्रयत्न करने पड़ेंगे कि शहादत कम से कम हो। यदि हों तो एक के बदले दस सिर काटने का सामर्थ्य भारत का दिखना चाहिए।’ कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि शहीदों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम अपने देश के निर्माण के लिए सर्वविद प्रयास करें।
कार्यक्रम में पतंजलि गुरुकुलम्, आचार्यकुलम् तथा पतंजलि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने उपस्थित लोगों के मन में राष्ट्रप्रेम की भावना का संचार किया। इस अवसर पर नेपाल राष्ट्र के प्रबुद्धजनों सहित संस्थान से सम्बद्ध सभी इकाईयों तथा शैक्षणिक संस्थानों के अधिकारी, कर्मयोगी, छात्र-छात्राएं तथा पतंजलि संन्यासाश्रम के संन्यासी भाई व साध्वी बहनें उपस्थित रहीं।