हिसार, 16 अगस्त (हप्र)
हिसार के मिर्जापुर चौक के पास द विकास मार्ग वेलफेयर सोसाइटी के दो प्लाटों पर कब्जा करने के एक मामले में हिसार पुलिस की एएसपी राजेश कुमार मोहन के नेतृत्व में बनी स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने डीएसपी प्रदीप यादव को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने डीएसपी को अदालत में पेश करके चार दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। डीएसपी प्रदीप यादव की पोस्टिंग मधुबन में थी और बेटे के एडमिशन के लिए विभाग से छुट्टी ली हुई थी। डीएसपी का परिवार हिसार स्थित उनके निजी घर में रहता है।
इस मामले में पुलिस रामअवतार, सुनील व सुरजीत को गिरफ्तार कर चुकी है और पुलिस पूछताछ में इन्होंने ही मामले में डीएसपी प्रदीप यादव की संलिप्तता बताई थी। केस में नाम सामने आने के बाद डीएसपी प्रदीप यादव कुछ समय से अंडरग्राउंड हो गया था। डीएसपी का नाम सामने आया तो एसआईटी ने डीएसपी के घर पर छापा मारा था और कई दस्तावेज बरामद किए थे। इसके बाद डीएसपी प्रदीप यादव ने हिसार जिला न्यायालय और पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की लेकिन खारिज हो गई।
इस बारे में एचटीएम थाना ने 19 जुलाई को सेक्टर 16-17 निवासी एक व्यक्ति की शिकायत पर धोखाधड़ी से उसके प्लॉट हड़पने के आरोप में राजकुमार उर्फ राजा, मुकेश, रामअवतार व सुरजीत के खिलाफ केस दर्ज किया था। आरोप है कि उक्त लोगों ने नगर निगम के कुछ फर्जी रिकॉर्ड के आधार पर शिकायतकर्ता व उसकी बेटी के दो प्लॉट कब्जा लिए। बाद में समझौते के नाम पर प्रोपर्टी में आधा हिस्सा मांगा। पुलिस ने बताया कि रिमांड के दौरान डीएसपी प्रदीप यादव से पूछताछ की जाएगी इस गिरोह में शामिल अन्य लोगों के बारे में पता लगाया जाएगा।
वहीं प्लाट पर कब्जे के मुख्य आरोपी ऋषिनगर निवासी राजकुमार उर्फ राजा गुर्जर को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए शनिवार को पुलिस के समक्ष पेश होकर जांच में शामिल होने के आदेश दिए हैं।
कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान कोविड पॉजिटिव होने पर जब स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके घर के बाहर क्वारंटाइन का पोस्टर चस्पा करने गई थी, तब भी डीएसपी प्रदीप यादव ने टीम को धमकी दी थी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने डीएसपी के खिलाफ शिकायत
दी थी।