अरुण नैथानी
यूं तो हमारे ब्रह्मांड के तमाम रहस्य आज भी बरकरार हैं, लेकिन जितना ज्ञान अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने जुटाया है, उससे आम आदमी आज भी वंचित है। कारण वैज्ञानिक दृष्टि की कमी भी है। इस कमी को दूर करने का प्रयास ‘हमारा ब्रह्मांड – कल, आज और कल’ रचना के जरिये लेखक इं. एस.के. जैन ने किया। पुस्तक ब्रह्मांड की उत्पत्ति, अनुसंधान, पृथ्वी का वायुमंडल, अंतरिक्ष और समय, काल यात्रा, डार्क मेटर, हिग्स बोसॉन आदि शीर्षकों से पाठकों के ज्ञान में वृद्धि करती है।
पुस्तक : हमारा ब्रह्मांड – कल, आज और कल रचनाकार : इं. एस.के. जैन प्रकाशक : सप्तऋषि पब्लिकेशन, चंडीगढ़ पृष्ठ : 312 मूल्य : रु. 350.