हिसार, 17 अगस्त (हप्र)
उपचार में लापरवाही बरतने के करीब साढ़े छह साल पुराने मामले में हिसार के अर्बन एस्टेट थाना पुलिस हिसार के गीतांजलि अस्पताल के संचालक डॉ. कमल किशोर व एक अन्य चिकित्सक डॉ. यशपाल के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मेडिकल नेग्लिजेंस बोर्ड की जांच में सामने आया कि डॉ. यशपाल ने मरीज का ऑपरेशन किया जबकि वे उसकी बीमारी का ऑपरेशन करने के लिए सक्षम ही नहीं थे। आरोप है कि चिकित्सक की लापरवाही के कारण मरीज को गुरुग्राम के महंगे अस्पताल में उपचार करवाना पड़ा और उस पर करीब 20 लाख रुपये का खर्च आ गया जिसके लिए मरीज को अपनी जमीन भी बेचनी पड़ी।
हिसार पुलिस ने बताया कि अर्बन एस्टेट थाना ने पीड़ित मरीज चरखी दादरी के अटेला खुर्द गांव निवासी भूपेंद्र कुमार की शिकायत पर गीतांजलि अस्पताल के डॉ. कमल किशोर व यशपाल के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि यह एफआईआर हिसार के मेडिकल नेग्लिजेंस बोर्ड की जांच रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की गई है।
इस बारे में भूपेद्र कुमार ने शिकायत दी थी। शिकायत के अनुसार मरीज 18 मार्च, 2018 को सुबह 10 बजे गीतांजलि अस्पताल में दाखिल हुआ और शाम 6 बजे ऑपरेशन किया गया और 19 जून, 2018 को सुबह 4:20 बजे मरीज को दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया गया। बाद में रोगी ने गुरुग्राम के मेडिसिटी अस्पताल में उपचार करवाया जिस पर करीब 20 लाख रुपये का खर्च आया।
मेडिकल नेग्लिजेंस बोर्ड की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई
मेडिकल नेग्लिजेंस बोर्ड ने गीतांजलि अस्पताल और मेडिसिटी अस्पताल के रिकॉर्ड की जांच की तो यूरोलॉजिस्ट के ओपियन की जरूरत पड़ी। इसके बाद बोर्ड ने पीजीआई रोहतक के यूरोलॉजी डिपार्टमेंट को मामला भेजा तो डिपार्टमेंट के अध्यक्ष डॉ. वीएस राठी ने 3 नवंबर, 2021 को अपनी रिपोर्ट भेज दी कि सर्जरी करने वाले डॉ. यशपाल के पास न तो यूरोलॉजी एंडोस्कॉपी का अनुभव है और न ही डीएनबी/एमसीएच यूरोलॉजी की कोई डिग्री थी। मरीज का ऑपरेशन किए बिना किसी मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल में रेफर करना था। इसके बाद बोर्ड ने दोनों चिकित्सकों को उपचार में दोषी पाया और अब यह मामला दर्ज किया गया है।