बेंगलुरु, 17 अगस्त (एजेंसी)
कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मैसुरू शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूमि आवंटन ‘घोटाले’ के संबंध में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि मामले की तटस्थ जांच कराना बहुत आवश्यक है। वह प्रथम दृष्टया इस बात से संतुष्ट हैं कि आरोप और मामले से जुड़ी संबंधित सामग्री अपराध किए जाने का खुलासा करते हैं।
राज्यपाल के इस फैसले के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मैसूरु में प्रदर्शन किया। राज्य मंत्रिमंडल की विशेष बैठक बुलाई गई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा द्वारा नियुक्त राज्यपाल गैर-भाजपा शासित राज्यों के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं। वहीं, भाजपा की कर्नाटक इकाई ने सिद्धरमैया के इस्तीफे की मांग की।
इससे पहले, 26 जुलाई को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके बाद एक अगस्त को कर्नाटक सरकार ने राज्यपाल को नोटिस वापस लेने की सलाह देते हुए उन पर ‘संवैधानिक कार्यालय के घोर दुरुपयोग’ का आरोप लगाया था।
पत्नी को जमीन आवंटन का मामला
आरोप है कि सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती को मैसुरू में प्रतिपूरक भूखंड आवंटित किया गया था, जिसका संपत्ति मूल्य उनकी उस भूमि की तुलना में अधिक था जिसे एमयूडीए ने ‘अधिगृहीत’ किया था। एमयूडीए ने पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ भूमि के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे। विपक्ष ने गड़बड़ी का आरोप लगाया और तीन कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के पास शिकायत दर्ज कराई थी। सिद्धरमैया ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी पत्नी को उचित मुआवजा मिलना चाहिए। उन्होंने इसे कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की साजिश भी बताया।