गुरुग्राम, 17 अगस्त (हप्र)
बिजली निगम के कर्मचारी की विधवा की फैमिली पेंशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला नूंह की सिविल जज पूनम कंवर की अदालत ने उनके हक में निर्णय दिया है। अदालत ने बिजली निगम को आदेश दिए कि पीड़िता को 12 प्रतिशत ब्याज दर से पेंशन व अन्य हितों का भुगतान किया जाए। पेंशन मंजूर न करने वाले संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही की जाए। क्या विभागीय कार्यवाही की गई है, इसके बारे में कोर्ट को 6 माह के भीतर सूचित किया जाए। साथ ही ब्याज दर जोकि लाखों में बनेगी, उसकी रिकवरी संबंधित अधिकारियों से की जाए, जिन्होंने समय पर काम न कर पेंशन चालू नहीं की थी।
नूंह जिले के गांव बिछोर की हकीमन पत्नी स्व. अली मोहम्मद के अधिवक्ता क्षितिज मेहता के अनुसार अली मोहम्मद बिजली निगम के मेवात नगीना सब डिविजन में लाइनमैन था। 31 मार्च, 2015 को वह सेवानिवृत्त हो गया था, लेकिन उनको पेंशन और बाकी हितलाभ नहीं दिए गए थे। बिजली निगम ने उन पर आरोप लगाया था कि अली मोहम्मद पर बिजली निगम के मैटेरियल के एक करोड़ 54 लाख 75 हजार 680 की देनदारी है।
अधिवक्ता का कहना है कि अली मोहम्मद सदमे में आ गया, जिसके चलते 28 अप्रैल 2015 को उसकी मृत्यु भी हो गई। अली मोहम्मद की पत्नी हकीमन ने फैमिली पेंशन शुरू करने की गुहार बिजली निगम के उच्चाधिकारियों से लगाई, लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी। सीएम विण्डो पर भी शिकायत की गई, लेकिन वहां भी उसकी सुनवाई नहीं हुई। 20 जुलाई, 2020 को पीड़िता ने बिजली निगम को लीगल नोटिस भी भिजवाया। लीगल नोटिस के जबाव में कहा गया कि पीड़िता की फैमिली पेंशन की फाइल बिजली निगम के हेड ऑफिस हिसार को भेजी गई है। अली मोहम्मद के खिलाफ की जा रही विभागीय कार्यवाही भी खत्म कर दी गई है। जैसे ही फाइल हेड ऑफिस से आ जाएगी, उसकी फैमिली पेंशन सभी हित लाभ के साथ शुरू कर दी जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अधिवक्ता का कहना है कि पीड़िता ने 13 जनवरी 2021 को अदालत में बिजली निगम के खिलाफ केस दायर किया था। इसकी सुनवाई उक्त अदालत ने करते हुए पीड़िता के हक में फैसला सुनाया।