नयी दिल्ली, 18 अगस्त (एजेंसी)
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘लेटरल एंट्री’ के जरिये लोक सेवकों की भर्ती को राष्ट्र विरोधी कदम करार दिया। राहुल ने रविवार को आरोप लगाया कि इससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण खुलेआम छीना जा
रहा है।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग के बजाय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के माध्यम से लोक सेवकों की भर्ती करके संविधान पर हमला कर रहे हैं।’ राहुल गांधी ने ऐसे समय में यह हमला बोला है जब एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने ‘लेटरल एंट्री’ के माध्यम से 45 विशेषज्ञों की विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उपसचिव जैसे प्रमुख पदों पर नियुक्ति करने की घोषणा की। आमतौर पर ऐसे पदों पर अखिल भारतीय सेवाओं- आईएएस, आईपीएस और आईएफओएस और अन्य ‘ग्रुप ए’ सेवाओं के अधिकारी तैनात होते हैं।
राहुल ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘मैंने हमेशा कहा है कि शीर्ष नौकरशाहों समेत देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं है, उसे सुधारने के बजाय ‘लेटरल एंट्री’ द्वारा उन्हें शीर्ष पदों से और दूर किया जा रहा है।’ नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘यह यूपीएसएसी की तैयारी कर रहे प्रतिभाशाली युवाओं के हक पर डाका और वंचितों के आरक्षण समेत सामाजिक न्याय की परिकल्पना पर चोट है।’
सेबी की अध्यक्ष माधवी बुच के खिलाफ हितों के टकराव के आरोपों की ओर स्पष्ट इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ‘चंद कॉरपोरेट के प्रतिनिधि निर्णायक सरकारी पदों पर बैठ कर क्या कारनामे करेंगे इसका ज्वलंत उदाहरण सेबी है, जहां निजी क्षेत्र से आने वाले व्यक्ति को पहली बार अध्यक्ष बनाया गया।’ राहुल गांधी ने कहा कि प्रशासनिक ढांचे और सामाजिक न्याय दोनों को चोट पहुंचाने वाले इस देश विरोधी कदम का ‘इंडिया’ गठबंधन मजबूती से विरोध करेगा। उन्होंने कहा कि आईएएस का ‘निजीकरण’ आरक्षण खत्म करने की ‘मोदी की गारंटी’ है।