नयी दिल्ली, 19 अगस्त (भाषा)
Kolkata doctor rape murder case: सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित बलात्कार और हत्या के मामले में स्वत: संज्ञान लिया है और इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई होगी।
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई 20 अगस्त की वाद सूची के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई करेगी। यह सुनवाई सुबह साढ़े 10 बजे हो सकती है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने हाल ही में मामले की जांच कोलकाता पुलिस से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित कर दिया था।
सरकारी अस्पताल के ‘सेमिनार हॉल’ में ‘जूनियर डॉक्टर’ से कथित बलात्कार और हत्या की वारदात के बाद देशभर में व्यापक स्तर पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्रीय अस्पतालों में सुरक्षा तैनाती में 25 प्रतिशत वृद्धि को मंजूरी दी
कोलकाता के एक अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून की मांग कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों के विरोध-प्रदर्शन के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्र सरकार के सभी अस्पतालों में सुरक्षा तैनाती में 25 प्रतिशत की वृद्धि की अनुमति दी है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल के अलावा, सरकारी अस्पतालों द्वारा सुरक्षा समीक्षा किए जाने के बाद उनकी मांग के आधार पर मार्शलों की तैनाती को भी मंजूरी दी जाएगी। हालांकि, आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि आर.जी. कर अस्पताल मामले के आधार पर केंद्रीय कानून लाने से ‘कोई बड़ा अंतर नहीं आएगा’ क्योंकि कोलकाता के इस अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या का मामला मरीज-डॉक्टर हिंसा का मामला नहीं था।
उन्होंने कहा कि अपराध और बलात्कार के मामले पहले से ही मौजूदा कानूनों के अंतर्गत आते हैं। सूत्रों ने कहा कि पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, असम, कर्नाटक और केरल सहित 26 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों ने स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए कानून पारित किए हैं। इन सभी राज्यों में ये अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के साथ बैठकें की गई हैं और उन्हें भी इन पहलुओं के बारे में समझाया गया है। सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी जो अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए सुरक्षा और सुविधाओं के विभिन्न पहलुओं जैसे ड्यूटी रूम, काम के घंटे और स्थितियां तथा कैंटीन सेवाओं पर गौर करेगी। आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘अस्पताल सार्वजनिक सुविधाएं हैं, इसलिए उन्हें किले में नहीं बदला जा सकता। हमने डॉक्टरों से हड़ताल समाप्त करने का आग्रह किया है, क्योंकि मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।’