शिमला, 19 अगस्त (हप्र)
हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के मात्र डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में ही राज्य के लाखों कर्मचारी और पेंशनर सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए हैं। यह नाराजगी सरकार द्वारा इन कर्मचारियों और पेंशनरों को लंबे समय से देय उनके वेतन और भत्तों को जारी नहीं करने तथा एरियर का भी भुगतान नहीं करने के कारण उपजी है। हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं संघ द्वारा कर्मचारियों के देय वेतन भत्तों का भुगतान न करने के मुद्दे पर सुक्खू सरकार की खिलाफत के बाद अब हिमाचल प्रदेश वन विभाग के कर्मचारियों ने भी सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वन विभाग कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश बादल और वन विभाग चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश ठाकुर ने सोमवार को शिमला में एक संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पिछले कुछ वर्षों से देय भत्ते न मिलने से कर्मचारियों में निराशा है।
प्रकाश बादल ने कहा कि कर्मचारियों का 12 प्रतिशत डीए सरकार ने अब तक नहीं दिया है। पे-रिवीज़न का एरियर भी बकाया है। प्रकाश बादल ने कहा कि एक तरफ सरकार तरह-तरह के शुल्क लगा रही है, वहीं कर्मचारियों के वेतन-भत्तों की देय वृद्धि जारी नहीं कर रही है, जिसके चलते प्रदेश के तमाम कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। प्रकाश बादल ने हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं संघ के अध्यक्ष संजीव कुमार द्वारा कर्मचारियों और पेंशनरों के देय वेतन भत्ते जारी न करने पर सुक्खू सरकार की खिलाफत का स्वागत करते हुए कहा कि वन विभाग के कर्मचारी सचिवालय सेवाएं संघ के 21 अगस्त को होने वाले जनरल हाउस में भाग लेंगे और अपनी मांगों को लेकर सचिवालय सेवाएं संघ के साथ चलेंगे। प्रकाश बादल ने कहा कि संवादहीनता के कारण हिमाचल के कर्मचारी मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी मांगें नहीं रख पा रहे हैं और न ही कर्मचारियों के पत्रों का सरकार द्वारा कोई उत्तर दिया जा रहा है।